नयी दिल्ली 09 सितम्बर (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार और असम सरकार को वर्षों से लंबित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर(एनआरसी) के वायदे को पूरा करने के लिए बधाई देती है।
श्री शाह ने सत्र को संबोधित करते हुए यहां कहा कि यह देश की सुरक्षा और असम की आर्थिक,राजनैतिक तथा सांस्कृतिक अधिकारों के लिए बेहद महत्वपूर्ण कदम है। देश के आजाद होने से पहले ही असम में बड़ी संख्या में घुसपैठ शुरू हो गया था। आजादी के बाद भी यह सिलसिला बदस्तूर जारी रही, क्योंकि राज्य सरकारों में इसे रोकने की इच्छा शक्ति नहीं थी। बड़ी संख्या में घुसपैठ के कारण ही असम की जनता को सड़कों पर उतराना पड़ा।
उन्होंने कहा कि घुसपैठ के विरूद्ध असम के लोगों ने वर्ष 1979 से 1985 के बीच ऐतिहासिक आंदोलन शुरू किया।खास कर, आॅल असम स्टूडेंट्स यूनियन के नेतृत्व में छात्र और युवाओं ने घुसपैठ के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस आंदोलन के दौरान आठ सौ लोगों को प्राण भी न्यौछावर करने पड़े।
श्री शाह ने कहा कि भाजपा ने1980 में अपनी स्थापना के समय से ही असम के लोगों के इस ऐतिहासिक संघर्ष को समर्थन दिया और आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल रही। वर्ष 2013 में उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र सरकार को असम के लिए एनआरसी पर काम शुरू करने का आदेश दिया था। लेकिन पूर्ववर्ती केन्द्र सरकारों की इच्छा शक्ति में कमी के कारण इस पर काम नहीं किया गया। श्री मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के तुरंत बाद वैज्ञानिक और पारदर्शी तरीके से इस प्रक्रिया को शुरू किया गया और अंतिम प्रारूप 31 जुलाई 2018 को पूरा हुआ।
उन्होंने कहा कि सरकार असम और उसके नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही, सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी कि कोई भी भारतीय नागरिकता से वंचित नहीं रहे। उन्होंने कहा,“हम एनआरसी पर विपक्षी दलों की आेलोचना की कड़ी निंदा करते हैं।”