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शिक्षण संस्थाओं और मॉल्स में संचालित हो सकेंगे कार्यालय

शिक्षण संस्थाओं और मॉल्स में संचालित हो सकेंगे कार्यालय

जयपुर, 20 मई (वार्ता) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में शिक्षण संस्थाओं में गैर शैक्षणिक गतिविधियों के लिए एवं मॉल्स में संचालित कार्यालयों को सोशल डिस्टेंसिंग एवं हैल्थ प्रोटोकॉल की पालन के साथ अनुमति देने के निर्देश दिए हैं।

श्री गहलोत मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर प्रवासियों के आवागमन एवं लॉकडाउन के चौथे चरण को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों एवं आमजन के सहयोग से प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप प्रदेश में कुछ और आवश्यक गतिविधियों को अनुमत किया जा सकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश में शिक्षण संस्थाओं में अशैक्षणिक गतिविधियों के लिए एवं मॉल्स में संचालित कार्यालयों को सोशल डिस्टेंसिंग एवं हैल्थ प्रोटोकॉल की पालना के साथ अनुमति दी जाए।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पैदल घर लौट रहे श्रमिकों की पीड़ा को समझा और उन्हें ट्रेनों एवं बसों के माध्यम से भेजने के साथ ही उनके लिए कैम्प एवं भोजन आदि की व्यवस्था की। इसके चलते अब पैदल जाने वाले श्रमिकों की संख्या काफी कम हो गई है। हमने उपखण्ड अधिकारियों को इन व्यवस्थाओं का जिम्मा दिया था, जिसे उन्होंने बेहतर ढंग से निभाया है। इन शिविरों के कारण अब श्रमिक पैदल चलने की बजाय बस एवं ट्रेन के जरिए अपने गंतव्य पहुंच रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास रहे हैं कि ट्रेनों के साथ ही श्रमिक स्पेशल बसों के माध्यम से जल्द से जल्द श्रमिकों को अपने गंतव्य तक पहुंचाया जाए। बैठक में बताया गया कि बसों को लेकर सहमति के लिए मुख्य सचिव एवं अन्य अधिकारियों के स्तर पर मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से बात हुई है। श्री गहलोत ने निर्देश दिए कि अन्य राज्यों से भी जल्द समन्वय कर इस व्यवस्था को प्रभावी ढंग से अंजाम दिया जाए, ताकि श्रमिकों की तकलीफ को कम किया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खाड़ी देशों में कई मजदूर आजीविका के लिए जाते हैं, लेकिन इनमें से कई आर्थिक रूप से इतने सक्षम नहीं हैं। विदेशों से आने वाले राजस्थान के ऐसे लोग जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, उनके क्वारेंटाइन के लिए सेवाभावी संस्थाओं एवं भामाशाहों की मदद ली जाए। अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल ने बताया कि प्रवासियों का आवागमन अब सुगम होता जा रहा है। आगामी पांच दिन में प्रदेश से विभिन्न राज्यों के लिए 23 ट्रेन जाएंगी।

जोरा

वार्ता

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