नयी दिल्ली 19 जून (वार्ता) छात्र राजनीति से लाेकसभा अध्यक्ष तक का सफर तय करने वाले भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सांसद ओम बिड़ला भले ही राष्ट्रीय राजनीति में चर्चित नाम नहीं रहे लेकिन राजस्थान में उन्हें पिछड़ों और गरीबों के हितैषी के रूप में जाना जाता है।
लगातार दूसरी बार लोकसभा के लिए चुने गये श्री बिड़ला का जन्म चार दिसम्बर 1962 को राजस्थान के कोटा में हुआ था। हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत के जानकार श्री बिड़ला ने स्नातकोत्तर (वाणिज्य) तक की शिक्षा राजकीय कॉमर्स कालेज कोटा में ली। वह वर्ष 1979 से 12 साल तक छात्र यूनियन के अध्यक्ष रहे।
इसके बाद वह वर्ष 2003, 2008 एवं 2013 में 12वीं, 13वीं एवं 14वीं राजस्थान विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं। उन्होंने विधानसभा में पांच सौ से अधिक प्रश्न पूछे तथा विभिन्न मुद्दों पर सदन में सार्थक बहस में हिस्सा लिया।
वर्ष 2014 में वह कोटा से पहली बार भाजपा प्रत्याशी के रुप में सांसद बने और इस बार लगातार दूसरी बार जीत हासिल कर लोकसभा पहुंचे। वह 2004 से 2008 तक राजस्थान सरकार में संसदीय सचिव रहे और इस दौरान गरीब, असहाय और गम्भीर रोगियों आदि को राज्य सरकार से करीब पचास लाख रुपए आर्थिक सहायता दिलवाई। राजस्थान के कोटा नगर में अगस्त 2004 में आई भयंकर बाढ़ के दौरान एक राहत दल का नेतृत्व करते हुए पीड़ितों को आवासीय, चिकित्सकीय और अन्य सहायता उपलब्ध कराने में मदद की।
बढ़ते प्रदूषण एवं घटती हरियाली को रोकने के लिए कोटा शहर में लगभग एक लाख पेड़ लगाने के लिए उन्होंने वृहद् ‘ग्रीन कोटा अभियान’ चलाया और विभिन्न सामाजिक, धार्मिक, व्यापारिक संस्थाओं एवं संगठनों के माध्यम से पार्कों/सार्वजनिक स्थानों पर पौधारोपण के साथ कोटा शहर के आवासीय क्षेत्रों में घर-घर जाकर निःशुल्क पौधा वितरण कर लोगों को प्रेरित किया।
जोरा.संजीव
जारी.वार्ता