श्रीनगर 24 मई (वार्ता) जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने वैश्विक महामारी काेराेना संक्रमण के मद्देनजर लोगों से ईद के दौरान शारीरिक दूरी के नियम का पालन करने और प्रार्थना के लिए एकत्र नहीं होने का आग्रह किया है।
श्री अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई जीतने के लिए यह आवश्यक है और जुलाई-अगस्त में आने वाली ईद-उल-अजा को हम पूरे हर्षोल्लास के साथ मना सकते हैं।
श्री अब्दुल्ला ने टि्वटर पर लिखा, “ इस बार ईद-उल-फितर के अवसर पर एकत्र होने और सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का उल्लंघन करने से बचें ताकि हम कोविड-19 को हरा सकें। हम जुलाई/अगस्त में आने वाली ईद उसी तरह से मना सकेंगे जिस तरह मनाते हैं।” नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष ने एक अन्य ट्वीट में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद-370 और अनुच्छेद-35ए को निरस्त कर इसे दो केन्द्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के केन्द्र सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए कहा, “ पिछले वर्ष अगस्त में हमने कठोर लॉकडाउन के बीच ईद-अल-अजा मनाई थी और हम उससे उबरने में कामयाब रहे थे।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “अल्लाह हम पर और उन लोगों पर रहमत बरसाये जो अपने परिवारों के साथ ईद नहीं मना सके। इसके अलावा वे लोग जो अपने परिवारों का इंतजार कर रहे हैं, पूरे कश्मीर पर और पूरे विश्व पर दया करें। ईद मुबारक।”
गौरतलब है कि पांच अगस्त 2019 काे केन्द्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद-370 और अनुच्छेद-35ए को निरस्त कर इसे दो केन्द्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने की घोषणा की थी। इस फैसले के साथ ही पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला के अलावा घाटी के कई नेताओं को हिरासत में ले लिया गया था। इस वर्ष मार्च में पहले फारूक अब्दुल्ला और फिर उमर अब्दुल्ला को रिहा कर दिया गया था।रवि, यामिनी वार्ता