पटना, 27 मार्च (वार्ता) हास्य कवि सुंदर मालेगावी ने कहा कि आज के दौर में फिल्मों पर व्यवसायिकता हावी हो गयी है और वह अच्छे अवसर मिलने पर ही फिल्मों के लिये गीत लिखेंगे।
सोनी सब टीवी, मस्ती, दबंग और बिग गंगा चैनल पर वाह वाह क्या बात है, बहुत खूब, दो दूना पांच, बुरा ना मानो होली है और शौर्य सम्मान जैसे कार्यक्रमों में अपनी शानदार प्रस्तुति दे चुके सुंदर मालेगावी राजधानी पटना में बिग गंगा के आगामी शो राग चुनावी में प्रस्तुति देने आये हुये हैं। श्री मालेगावी ने फिल्मों के लिये गीत नहीं लिखे हैं। इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर की फिल्मों पर व्यवसायिकता हावी हो गयी है। फिल्मों में अश्लील गीतों की भरमार हो गयी है। उन्हें कई फिल्मों के लिये गीत लिखने के लिये प्रस्ताव मिले लेकिन उन्हें धुन पहले सुनाये गये और उसपर गीत लिखने को कहा गया। जो धुन अपील करेगी उसपर उन्हें गीत लिखने में गुरेज नही लेकिन जो अपील नही कर सके उसपर गीत नही लिख सकता।
श्री मालेगावी ने बताया कि उन्होंने अपने खानदेशी भाषे में चार फिल्मों का प्रोडक्शन और निर्देशन किया है। उन्होंने बताया कि द मेकिंग ऑफ मुगले आजम, खानदेश का इच्छाधारी जिन्न जैसी खानदेशी फिल्मों में उन्होने अभिनय भी किया है। उन्होंने बताया कि ये फिल्में मूल रूप से खानदेशी भाषा के लिये बनायी गयी है लेकिन इसे महाराष्ट्र के बाहर गुजरात के अलावा विदेशो में भी काफी सराहना मिल रही है। खानदेशी फिल्मों का बिजनेस काफी बढ़ गया है।
हास्य कवि ने बताया कि आज के दौर के कई लोग अच्छी कविता लिख रहे हैं। पुराने दौर में मिर्जा गालिब और नये दौर में बशीर बद्र बेहतरीन शायर हैं। बशीर बद्र की शायरी का मुरीद कौन नहीं होगा…सीधे सादे उनके अल्फाज़ सीधे दिल में घर करते हैं। मेरा मानना है कि उनके जैसा शायर मिलना बहुत मुश्किल होगा।
श्री मालेगावी ने बताया कि बिग गंगा चैनल के लिये काम करना बहुत अच्छा लगता है। उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल परिवार की तरह है। यहां काम करने का माहौल काफी अच्छा है। कलाकारों को काम करने की काफी आजादी है और उन्हें काफी सम्मान भी दिया जाता है। अवसर मिलने पर बार-बार बिग गंगा के लिये काम करना पसंद करेंगे।