राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Oct 14 2021 8:24PM महानवमी के अवसर पर झांसी में मां के जयकारों से गुंजायमान हुए मंदिर
झांसी 14 अक्टूबर (वार्ता) नवरात्रि की नवमी अर्थात महानवमी के अवसर पर गुरूवार को उत्तर प्रदेश की वीरांगना नगरी झांसी में मंदिरों में बड़ी संख्या में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ और मां के जयकारों से गुंजायमान हो गये।
यूं तो पूरे नवरात्रि में मंदिरों में जबरदस्त भीड़ रही लेकिन अष्टमी और आज महानवमी के अवसर पर भक्तगण मां के दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में मंदिरों में आये। कोरोना महामारी के कष्टप्रद लंबे समय के दौरान भक्त और भगवान के बीच आयी दूरी इस नवरात्रि में कम होती नजर आयी जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु मां के दर्शनों के लिए मंदिरों में पहुंच पाये और शासन प्रशासन की ओर से मंदिर खोले जाने की अनुमति भी दी गयी।
महानगर में प्रसिद्ध पचकुईंया मंदिर पर सुबह से ही भक्तों को जमावड़ा होने लगा। हर भक्त के मन में केवल मां के दर्शन और यथासंभव प्रसाद चढ़ाने की लालसा साफ दिखायी देती है। काफी समय बाद मंदिरों के द्वार से काफी दूर तक भक्त लाइनों में खड़े अपनी बारी का इंतजार करते दिखायी दिये। इतना ही नहीं गरीब और लाचार लोग भी मां के सहारे जीवनयापन या दान मिलने की अभिलाषा में मंदिरोेंं के बाहर लाइनों में दानी भक्तों का इंतजार करते दिखायी दिये।
बुंदेलखंड में नवरात्रि पर जवारे बोने की प्रथा है। यहां लोग परिवार पर किसी मुसीबत या अपनी किसी परेशानी से मुक्ति के लिए या भविष्य में अच्छी फसल और अपने घर सुखशांति की स्थिति जानने के लिए एक पात्र में जौ बोते हैं और फिर नौ दिन व्रत रखकर जवारों की सेवा की जाती है। नौ दिन की सेवा के बाद उगे आये पौधों को महिलाएं सिर पर रखकर माता के मंदिर में लाती हैं और यहां देवी के समक्ष पौधे के कुछ हिस्से को तोड़कर उनकी पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जवार को प्रथम फसल माना जाता है और नवरात्रि पर सुख शांति के लिए जवारे बोकर मां के चरणों में अर्पित किये जाते हैं। यहां गांवों में यह प्रथा है कि जवारों के पात्रों को मां के चरणों में अर्पित करने के बाद लड़कियां पात्रों को खोंटकर जवारे प्रसाद के रूप् में अपने परिजन और गांव के अन्य लोगों को वितरित करती है। इस क्षेत्र में जवारों का रोपण बहुत शुभ परंपरा के रूप में देखा जाता है।
लोग आज भी जवारे लेकर महानगर के प्रसिद्ध मंदिरों में पहुंचे और इस दौरान व्यवस्थाएं चाक चौबंद बनाये रखने के लिए पुलिस और मंदिर प्रशासन दाेनों की ही ओर से व्यापक इंतजाम किये गये। मंदिर के अंदर कतारबद्ध होकर देवी के दर्शनो की व्यवस्था की गयी। महिला एवं पुरूष पुलिसकर्मी पूरी मुस्तैदी से मंदिर के बाहर तथा अंदर व्यवस्थाएं बनाये रखने का प्रयास करते नजर आये।
महानगर के प्रसिद्ध माता मंदिरों लहर की देवी, कैमासन माता, मैमासन माता,करौंदी माता, कालियन मंदिर में भक्तों का इसी तरह भक्तों का तांता लगा रहा।
सोनिया
वार्ता