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विश्व में हर चार दिन में एक पत्रकार की मौत: यूनेस्को

विश्व में हर चार दिन में एक पत्रकार की मौत: यूनेस्को

संयुक्त राष्ट्र 01 नवंबर (वार्ता) दुनिया भर में पत्रकारों पर हमलों की बढ़ती घटनाओं के बीच संयुक्त राष्ट्र के शैक्षणिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि विश्व में हर चार दिन में एक पत्रकार की मौत होती है तथा वर्ष 2006 से 2017 के बीच विश्व में एक हजार से अधिक पत्रकार मारे गये हैं।

यूनाइटेड नेशंस न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक यूनेस्को के अभिव्यक्ति की आजादी की सुरक्षा मामलों के विशेष दूत डेविड काये समेत कई विशेषज्ञों ने बुधवार को रिपोर्ट जारी करके कहा कि पत्रकारों की हत्या के 10 में से नौ मामलों में हत्यारों को दंड नहीं मिलता जिससे ऐसे हमलों की पुनरावृत्ति की आशंका बढ़ जाती है। इस तरह के मामलों में षडयंत्रकारियों को सजा जरूर मिलनी चाहिए और पीड़ितों एवं उनके परिवारों को मदद मिलनी चाहिए।

विशेषज्ञों ने वैश्विक नेताओं से पत्रकारों की सुरक्षा से संबंधित प्रस्ताव लागू करने और मीडिया के खिलाफ नफरत एवं हिंसा फैलाने में उनकी भूमिका खत्म करने का आह्वान किया। इस प्रस्ताव को मानवाधिकार परिषद ने सितंबर में अपनाया था।

विशेषज्ञों ने सऊदी अरब के इस्तांबुल स्थित दूतावास में इस माह की शुरूआत में मारे गये मुखर पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या का जिक्र करते हुए इस मामले में विभिन्न देशों, अंतरराष्ट्रीय समुदाय और संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रिया की निंदा की।

इस वर्ष ‘पत्रकारों के विरुद्ध अपराधों के लिए दंड मुक्ति को समाप्त करने के अंतरराष्ट्रीय दिवस’ पर पत्रकारों के खिलाफ हिंसा के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए यूनेस्को नया अभियान ‘सच कभी नहीं मरता’ शुरू कर रहा है। उसने इस मुहिम को समर्थन देने के लिए मीडिया साझीदारों से इससे संबंधित खबरें प्रकाशित करने का आह्वान किया है।

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29 Mar 2024 | 6:19 PM

मॉस्को, 29 मार्च (वार्ता) रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि अमेरिका ने अपनी इज्जत बचाने के लिए गाजा पट्टी में युद्धविराम पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का विरोध नहीं किया, लेकिन उसने प्रस्ताव को गैर-बाध्यकारी घोषित करके गाजा में कार्रवाई के लिए इजरायल को और आजादी दे दी है।

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