Tuesday, Apr 16 2024 | Time 19:39 Hrs(IST)
image
फीचर्स


ऑनलाइन कैंसर परामर्श सेवा से 11 हजार रोगियों को लाभ

ऑनलाइन कैंसर परामर्श सेवा से 11 हजार रोगियों को लाभ

नयी दिल्ली 30 जुलाई (वार्ता) कैंसर रोगियों के लिये आशा का सबसे बड़ा केन्द्र टाटा मेमोरियल अस्पताल अब आॅनलाइन नव्या सेवा के माध्यम से देश और दुनिया में घर-घर तक पहुंच रहा है तथा इससे 22 देशों के करीब 11 हज़ार मरीज़ अपना जीवन बचाने में कामयाब रहे हैं। मुंबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल की पहल पर 2014 में देश के 104 कैंसर संस्थानों के संयुक्त नेटवर्क राष्ट्रीय कैंसर ग्रिड के साथ मिल कर नव्या विशेषज्ञ परामर्श सेवा शुरू की गयी थी। इसके तहत कैंसर रोगी अपनी सारी रिपोर्ट अपलोड करके भेजते हैं और 24 घंटे के भीतर विश्व विख्यात विशेषज्ञों से परामर्श के आधार पर रिपोर्ट तैयार करके वापस रोगी को भेजी जाती है। इससे उन्हें ना केवल उपचार की सही दिशा निर्धारित करने में मदद मिलती है बल्कि उनका पैसा भी बचता है। नव्या ने भारत में पहली बार कैंसर के मरीजों और ऑन्कोलॉजिस्ट के प्रयोग हेतु भारतीय कैंसर डाटा के लिए भी खास तकनीक विकसित की है। टाटा मेमोरियल अस्पताल की इस पहल को कैंसर उपचार के सर्वश्रेष्ठ ऑनलाइन मंच के रूप में दुनिया भर में सराहना मिली है। नव्या की प्रवर्तक डॉ. गीतिका श्रीवास्तव के अनुसार दुनिया में विशेषज्ञ ऑन्काेलॉजिस्टों (कैंसर के डॉक्टरों) का अभाव है। भारत में 18 लाख कैंसर रोगियाें के लिए लगभग 1600 ऑन्कोलॉजिस्ट्स ही उपलब्ध हैं। कैंसर के विशेषज्ञों की कमी के कारण इस रोग का उपचार बहुत दुष्कर अौर महंगा हो जाता है। टाटा मेमोरियल अस्पताल में गरीब मरीज़ों का इलाज लगभग निशुल्क होता है। यहां करीब 60 प्रतिशत मरीज़ गरीब तबके के होते हैं। सशुल्क उपचार वाले मरीज़ों के लिये भी परीक्षण एवं उपचार की दरें बहुत मामूली हैं। डॉ. श्रीवास्तव का कहना है कि नव्या की वेबसाइट पर मरीज़ से एक निश्चित प्रारूप में रिपोर्ट अपलोड कराने के साथ आवश्यक जानकारियां ली जाती हैं और उन्हें संबंधित विशेषज्ञ के समक्ष प्रस्तुत की जाती है। विशेषज्ञ की प्रतिक्रिया प्राप्त होने के बाद एक रिपोर्ट बनाई जाती है जो मरीज के सभी प्रश्नों का उत्तर सहज और सरल भाषा में देती है ताकि उन्हें आसानी से सब कुछ समझ में आ जाये। उन्होंने बताया कि नव्या के माध्यम से जरूरत पड़ने पर अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित स्टैंडफोर्ड चिकित्सा सेंटर के कैंसर ट्यूमर बोर्ड से भी परामर्श लिया जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर समय पर पता चल जाए तो कई तरह के कैंसर का उपचार हो सकता है और अनेक मामलों में कई वर्षों के लिए इस पर काबू पाया जा सकता है। नव्या की क्रांतिकारी पहल से यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है कि भले ही लोग दुनिया के किसी भी कोने में हों, लेकिन उन्हें विशेषज्ञों द्वारा हर तरह की उपचार पद्धति और परामर्श सुलभ होंगे। यह मरीज, परिवार आैर उपचार करने वाले स्थानीय ऑन्कोलॉजिस्ट तीनों के लिए बहुत ही उपयोगी प्रणाली है। इसी वर्ष अमेरिकन सोसायटी ऑफ क्लिनिकल ऑन्कोलॉजी (एएससीओ) के बैठक में नव्या को वंचित रोगियों के लिये एक सूचना-आधारित और कम लागत वाली ऑनलाइन उपचार परामर्श सेवा के रूप में सराहा गया है। वर्ष 2014 में नव्या के सृजन के बाद 22 विकासशील देशों से 10779 से अधिक मरीज़ों ने नव्या ऑनलाइन पर पंजीकरण किया है।


राष्ट्रीय कैंसर ग्रिड के समन्वयक डाॅ. प्रमेष का कहना है कि नव्या कैंसर उपचार के क्षेत्र में परिदृश्य बदल देने वाली एक क्रांतिकारी पहल है। यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन स्कूल ऑफ मेडिसिन और पब्लिक हेल्थ में एसोसिएट प्रोफेसर (विभागीय सर्जरी) हीथर बी न्यूमैन का कहना है कि नव्या “वास्तव में एक महान उदाहरण है कि प्रौद्योगिकी का उपयोग मानव कल्याण में कैसे किया जा सकता है। अस्पताल ने जुलाई 2016 से मार्च 2017 के बीच नव्या सेवा में पंजीकरण कराने वाले 914 रोगियों का एक सर्वेक्षण किया। अध्ययन में शामिल किये गये लोगों से फोन पर पूछा गया था कि क्या उन्होंने रिपोर्ट उपचार प्रदाता के साथ साझा की तथा क्या उसके आधार पर उपचार कराया । उनमें से 72.3 प्रतिशत रोगियों ने अपने इलाज प्रदाता ऑनकोलॉजिस्ट्स के साथ विशेषज्ञ राय वाली रिपोर्ट साझा की थी और 78 प्रतिशत रोगियों ने नव्या द्वारा अनुशंसित उपचार कराया था। टाटा मेमोरियल अस्पताल के निदेशक डॉ. राजेंद्र बड़वे ने कहा कि नव्या का उपयोग करने वाले रोगियों की संख्या बढ़ना और बड़े अनुपात में इसकी रिपोर्ट को अपने ऑन्कोलॉजिस्ट के साथ साझा करना, यह साबित करता है कि मरीजों के साथ-साथ स्थानीय चिकित्सकाें और ऑन्कोलॉजिस्ट के बीच ऑनलाइन सर्विसेज की व्यापक स्वीकृति है। टाटा मेमोरियल अस्पताल कैंसर के उपचार का देश में सबसे बड़ा और एशिया का तीसरा केन्द्र हैं जहां हर साल लगभग 67000 नये केस आते हैं। यहां कैंसर उपचार के साथ शोध भी किया जाता है और उपचार की सरलतम विधि विकसित करने का सतत प्रयास चलता रहता है। केंद्र सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग से वित्तपोषित इस अस्पताल से कैंसर रोगियों काे बहुत ही कम खर्च पर उत्तम उपचार सुलभ कराया जाता है। भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र (बार्क) से विकिरण संबंधी उपचार सामग्री इस अस्पताल को तत्काल उपलब्ध होती है और उसकी लागत भी कम होती है। संस्थान के सहयोग से बार्क ने विकिरण उपचार के आधुनिक एवं कम लागत वाले उपकरण भी बनाये हैं। भाभाट्राॅन-1 और उसके उन्नत संस्करण भाभाट्रॉन-2 को दुनिया भर में सराहना मिली है। कई देशों को ये मशीनें निर्यात भी की जा रहीं हैं। टाटा मेमोरियल अस्पताल ने योग के माध्यम से कैंसर उपचार में मदद को लेकर शोध शुरू किया है और स्तन कैंसर के उपचार में इसके बहुत सकारात्मक परिणाम की उम्मीद की जा रही है। सचिन जय टंडन वार्ता

There is no row at position 0.
image