नयी दिल्ली, 19 नवंबर (वार्ता) राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने अपना दो सप्ताह का ऑनलाइन अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है।
मानवाधिकार आयोग के महासचिव भरत लाल ने मंगलवार को बताया कि आयोग इस प्रशिक्षण को भविष्य में मानवाधिकार संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए युवाओं को तैयार करने के अवसर के रूप में उपयोग करता है। कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से विश्वविद्यालय स्तर के विविध शैक्षणिक विषयों के 60 विद्यार्थियों को चयन किया गया है।
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) का दो सप्ताह का ऑनलाइन अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रम सोमवार से दिल्ली में शुरू हो चुका है। इस मौके पर, उन्होंने प्रशिक्षुओं को इस अवसर का उपयोग मानवाधिकारों के विभिन्न पहलुओं को आत्मसात करने और सभी मनुष्यों के मानवाधिकारों के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में सार्थक योगदान देने के लिए खुद को तैयार करने के लिए प्रोत्साहित किया।
श्री लाल ने कहा, “हमारे देश ने लगातार उत्पीड़ित समुदायों को शरण दी है, जो सार्वभौमिक भाईचारे के प्रति देश की प्रतिबद्धता और सहानुभूति तथा करुणा के भारत के लोकाचार को प्रदर्शित करता है।” उन्होंने प्रशिक्षुओं को संविधान में निहित विचारों और उन आदर्शों को वास्तविकता में बदलने के लिए विधायिका, न्यायपालिका, कार्यपालिका और मानवाधिकारों की ओर से की गई पहल पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित किया।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस कार्यक्रम के माध्यम से, प्रशिक्षुओं को मानवधिकारों की बेहतर समझ प्राप्त होगी, समाज के कमजोर और हाशिए पर रहने वाले वर्गों की दुर्दशा के प्रति संवेदनशीलता और जवाबदेही विकसित होगी।
आयोग के संयुक्त सचिव देवेन्द्र कुमार निम ने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान विद्यार्थियों को मानवाधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों, प्रतियोगिताओं से भी अवगत कराया जाएगा। उनके काम और चुनौतियों को प्रत्यक्ष रूप से समझने के लिए उन्हें तिहाड़ जेल, पुलिस स्टेशनों और शेल्टर होम जैसे संस्थानों के वर्चुअल दौरों पर भी ले जाया जाएगा।
श्रद्धा,आशा
वार्ता