राज्य » बिहार / झारखण्डPosted at: Jul 25 2024 5:02PM कांग्रेस कार्यकर्ता पर लाठीचार्ज और भ्रष्ट अधिकारी को संरक्षण देने के आरोप में विपक्ष का हंगामा
पटना 25 जुलाई (वार्ता) बिहार विधानसभा में मॉनसून सत्र के चौथे दिन गुरुवार को विपक्ष के सदस्यों ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज के विरोध और सरकार पर भ्रष्ट अधिकारी को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए सदन में जमकर हंगामा किया।
विधानसभा में पूर्वाह्न 11 बजे कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने महिला से दुराचार और भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के वरिष्ठ अधिकारी संजीव हंस तथा युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज का मुद्दा उठाया। विपक्षी सदस्य संजीव हंस की बर्खास्तगी की मांग को लेकर सदन के बीच में आ गए। विपक्ष के सदस्य प्ले कार्ड लिए हुए थे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव के आदेश पर मार्शल ने विपक्षी विधायकों के हाथ से प्ले कार्ड छीन लिया।
शोरगुल के बीच ही प्रश्नोत्तर काल जारी रहा। इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने सदन के बीच में ही बैठकर शैडो सदन बना लिया। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी लेनिनवादी (भाकपा माले) के विधायक महबूब आलम अध्यक्ष की भूमिका में रिपोर्टिंग कुर्सी पर और बाकी सदस्य जमीन पर बैठ गए। सभाध्यक्ष ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि सदस्य आसन की ओर पीठ करके नहीं बैठे अन्यथा वह करवाई करेंगे ।
हंगामे के बीच ही वित्त विभाग के प्रभारी मंत्री सह उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक से प्राप्त बिहार सरकार का "31 मार्च, 2022 को समाप्त हुए वर्ष 2021-22 के अनुपालन लेखा परीक्षा प्रतिवेदन" एवं "स्थानीय सरकार पर लेखा परीक्षा प्रतिवेदन" तथा 31 मार्च, 2023 को समाप्त हुये वर्ष 2022-23 के "राज्य के वित्त" प्रतिवेदन को सदन पटल पर रखा।
कुछ देर तक हंगामा करने के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और वामपंथी दलों के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए। इसके बाद सदन की कार्यवाही बिना किसी व्यवधान के सुचारू ढंग से चली। सभी निर्धारित विधायी कार्य निपटने के बाद सभा की कार्यवाही भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दी गई।
शिवा सूरज
वार्ता