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राजस्थान विधानसभा में विपक्षी सदस्यों ने किया बहिर्गमन

राजस्थान विधानसभा में विपक्षी सदस्यों ने किया बहिर्गमन

जयपुर 12 जुलाई (वार्ता) राजस्थान विधानसभा में विपक्ष भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने बोलने का मौका नहीं दिये जाने को लेकर आज सदन का बहिर्गमन किया।

प्रश्नकाल में सहकारिता मंत्री उदय लाल आंजना जब भाजपा विधायक निर्मल कुमावत के प्रश्न का जवाब दे रहे थे तब श्री कुमावत के किसानों के ऋण माफ के संबंध में पूरक प्रश्न पूछने के बाद प्रतिपक्ष उपनेता राजेन्द्र सिंह राठौड़ भी इस पर कुछ बाेलना चाहा लेकिन अध्यक्ष सी पी जोशी ने इसकी अनुमति नहीं दी। इस पर प्रतिपक्ष नेता गुलाब चंद कटारिया भी खड़े होकर बोलना चाहा, मगर अध्यक्ष के अनुमति नहीं दी और अगले प्रश्न के लिए विधायक कैलाश मेघवाल का नाम पुकार लिया। जब श्री राठौड़ एवं श्री कटारिया बोलने का अनुरोध करते रहे तब अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने श्री मेघवाल का नाम पुकार लिया हैं, आप बैठ जाइये।

इस बीच श्री मेघवाल के अपना प्रश्न पूछने पर परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने प्रश्न जवाब शुरु किया ही था कि 11 बजकर 55 मिनट पर विपक्ष के सदस्य सदन का बहिर्गमन कर गये।

विपक्षी सदस्यों के बहिर्गमन के कारण श्री मेघवाल के प्रश्न के बाद लगातार सात प्रश्न नहीं हो सके। इनमें विधायक मोहन राम चौधरी का नागौर जिले में वक्फ बोर्ड की संपतत्तियांं का प्रश्न, बाबू लाल का झाड़ोल विधानसभा क्षेत्र के आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषाहार का वितरण, फूल सिंह मीणा का उदयपुर जिले के कानपुर गांव में जल प्रदूषण से फैल रहे रोगों पर नियंत्रण की कार्ययोजना, किरण माहेश्वरी का प्रदेश में मुख्यमंत्री युवा सम्बल योजना के लाभार्थी, नरेन्द्र नागर का जयपुर जिले में बंधुआ श्रमिकों के पुनर्वास की योजना, संजय शर्मा का अलवर शहर में नंदीशाला की स्थापना तथा सुभाष पूनिया का प्रदेश के किसानों के लिए संचालित किसान बीमा योजना के प्रश्न शामिल थे।

अध्यक्ष के इनके नाम पुकारे जाने पर सदन में मौजूद नहीं होने के कारण इनके प्रश्न नहीं हो सके और विपक्ष के सदस्य बर्हिगमन के बाद सदन में लौटने से पहले इन सात प्रश्नों के अगला प्रश्न शुरु हो चुका था।

इससे पहले श्री आंजना ने श्री कुमावत के प्रश्न के जवाब में बताया कि सहकारी बैंकों से जुड़े किसानों का गत वर्ष तीस नवम्बर तक का बकाया माफ कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि गत एक जुलाई तक करीब 19़ 43 लाख किसानों का ऋण माफ किया गया है। सहकारी बैंकों के सीमान्त एवं लघु किसानों को गत 30 नवम्बर की स्थिति में अवधि पार खातों के दो लाख रूपये तक के ऋण माफ किये गये है।

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