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पेट्रोल-डीजल,विपक्ष के निशाने पर सरकार .सहयोगी भी घबराये

पेट्रोल-डीजल,विपक्ष के निशाने पर सरकार .सहयोगी भी घबराये

नयी दिल्ली 04 सितम्बर (वार्ता) पेट्रोल-डीजल और गैस की बेतहाशा बढ़ती कीमतों को लेकर मोदी सरकार पर विपक्ष के निशाना साधने के साथ-साथ सत्तारुढ़ गठबंधन में शामिल कुछ दल भी अगले आम चुनाव पर इसके संभावित असर को भांपते हुए इनके दाम कम करने का सरकार पर दबाव बनाने लगे हैं।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उछाल और डालर के मुकाबले रुपए में रिकार्ड गिरावट से आयात महंगा हो जाने की वजह से पेट्रोल-डीजल और गैस के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। सरकार रसोई गैस पर सब्सिडी कम करने के लिए इसकी कीमत में हर माह मामूली बढ़ोतरी कर रही है तो बिना सब्सिडी वाली गैस के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदम्बरम ने मोदी सरकार को पेट्रोल-डीजल और गैस की कीमतों पर घेरते हुए कहा कि ‘ज्यादा शुल्कों’ की वजह से उपभोक्ताओं को महंगाई झेलनी पड़ रही है।

श्री चिदम्बरम ने सरकार से मांग की है कि पेट्रोल और डीजल को तुरंत वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) कानून के दायरे में लाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि करों में कटौती करके दोनों ईंधन के दाम कम किये जा सकते हैं और उपभोक्ताओं को राहत दी जा सकती है। केंद्र सरकार राज्यों पर इसका ठीकरा नहीं फोड़ सकती है।

उन्होंने कहा, “ भाजपा को यह पता होना चाहिए की 19 राज्यों में उसकी सरकारें हैं। केंद्र और राज्य मिलकर पेट्रोल और डीजल को जीएसटी कानून के दायरे में ला सकते हैं। कांग्रेस दोनों ईंधन को तुरंत जीएसटी कानून के दायरे में लाने की मांग करती है।”

आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहले पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने और रुपये की कीमत गिरने पर मनमोहन सरकार पर कड़े प्रहार करते थे लेकिन अब वैसी ही परिस्थितियां उनकी सरकार के कार्यकाल में आयीं तो वह मौन साधे हुए हैं। उन्होंने कहा कि महंगाई के लिए पहले कांग्रेस सरकार और अब भाजपा सरकार जिम्मेदार है,आम आदमी लगातार हो रहा है।

चार साल तक मोदी सरकार में शामिल रही तेलुगू देशम पार्टी के प्रमुख और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ ही डालर के मुकाबले रुपए में रिकार्ड गिरावट को लेकर सरकार पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं है जब देश में पेट्रोल के दाम 100 रुपए प्रति लीटर को छू लेंगे और एक डालर की कीमत भी 100 रुपए तक पहुंच जायेगी।

वाजपेयी सरकार मेें वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने विपक्षी दलों से कीमतों में वृद्धि के खिलाफ सड़कों पर उतरने का आह्वान किया है। उन्होंने मंगलवार को ट्विटर पर लिखा,“ पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की कीमतों में लगातार वृदि्ध हो रही है और दाम रोजाना नये रिकार्ड पर पहुंच रहे हैं। विपक्षी दल सड़कों पर क्यों नहीं उतर रहे हैं उन्हें किस बात का इंतजार है।”

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) के सहयोगी जनता दल (यू) के महासचिव के सी त्यागी ने ईंधन के बढ़ते दामों पर तुरंत रोक लगाने के लिए सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने कहा है कि शुल्कों में कटौती की जानी चाहिए और ऐसी प्रणाली बनाई जाये जिससे भविष्य में भी दाम बढ़ने से रोके जा सकें।

श्री त्यागी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि को रोकने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की।

जदयू महासचिव ने पेट्रोल-डीजल और गैस की कीमतों में बढ़ोतरी को चिंताजनक बताते हुए कहा कि इससे आमजन और गरीब सीधे प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष आम चुनाव होने हैं और चुनावी वर्ष को देखते हुए सरकार को पेट्रोल-डीजल की कीमतों को कम करने के लिए कारगर कदम उठाने चाहिए जिससे यह चुनावी मुद्दा नहीं बन पाये।

श्री त्यागी ने कहा कि पेट्रोल- डीजल की बिक्री से सरकार को लाखों करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होता है। उसे ऐसी प्रणाली बनानी चाहिए जिससे उपभोक्ताओं को तुरंत राहत मिले और भविष्य में भी दाम बढ़ने नहीं पाये।

केंद्र सरकार में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी पेट्रोल- डीजल की कीमतों को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि ईंधन के दाम में बढ़ोतरी चिंता का विषय है।

श्री पासवान ने कहा कि प्रधानमंत्री और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ईंधन की कीमतों में वृद्धि को लेकर कोई न कोई रास्ता निकालेंगे जिससे आम जनता को राहत मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि वह स्वयं पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ श्री प्रधान से मुलाकात कर पेट्रोल- डीजल की कीमतों को नीचे लाने के लिए कोई रास्ता निकालने का आग्रह करेंगे।

पेट्रोल-डीजल के दाम में लगातार दसवें दिन वृद्धि हुई है और राजधानी में एक लीटर पेट्रोल 80 रुपए के निकट पहुंच गया। मुंबई के लोगों को पेट्रोल और डीजल के लिए जेब बहुत अधिक ढीली करनी पड़ रही है। वाणिज्यिक नगरी में पेट्रोल 86 रुपए प्रति लीटर से ऊपर निकल गया है।

तेल एवं विपणन क्षेत्र की अग्रणी कंपनी इंडियन आयल के अनुसार मंगलवार को दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल 79.31 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गया। डीजल 19 पैसे की बढ़त से 71.34 रुपए प्रति लीटर हो गया।

देश की वाणिज्यिक नगरी मुंबई में दोनों ईंधन की कीमत चारों बड़े महानगरों में सर्वाधिक हैं। मुंबई में एक लीटर पेट्रोल का दाम 86.72 रुपए और डीजल 75.74 रुपए प्रति लीटर हो गया। चेन्नई और कोलकाता में पेट्रोल की कीमत क्रमश: 82.41 रुपए और 82.22 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गयी हैं। कोलकाता में डीजल का दाम 75.19 रुपए और चेन्नई में 75.39 रुपए प्रति लीटर है।

गैर सब्सिडी वाला रसोई गैस सिलेंडर के दाम पिछले चार माह से लगातार बढ़ रहे हैं। जून से अब तक इसके दाम राजधानी में 169.50 रुपए की छलांग लगाकर 820 रुपए पर पहुंच गए हैं।

चार महानगरों में पेट्रोल और डीजल की कीमत इस प्रकार है...

पेट्रोल ........... डीजल

.....दिल्ली....... 79.31.......... 71.34

.....मुंबई......... 86.72......... 75.74

.....चेन्नई......... 82.41......... 75.39

..... कोलकाता....82.22 ........ 74.19

मिश्रा.श्रवण

वार्ता

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