बेंगलुरु, 07 सितंबर (वार्ता) भारतीय महिला हॉकी टीम की मिडफील्डर नेहा गोयल का कहना है कि अगले साल टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतना टीम का एकमात्र उद्देश्य है। नेहा ने भारतीय टीम के लिए अबतक 75 मुकाबले खेले हैं। उनका कहना है कि महिला टीम का उद्देश्य ओलंपिक में पदक जीतना है और इसके लिए टीम ने तैयारी शुरु कर दी है। टोक्यो ओलंपिक का आयोजन इस साल जुलाई में होना था लेकिन कोरोना के कारण इसे अगले साल तक के लिए स्थगित कर दिया गया था।
23 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा, “इस वक्त हमारा ध्यान ओलंपिक पर केंद्रित है। हम पिछले कुछ महीनों से खुद को फिट रखने के लिए काफी मेहनत कर रहे हैं और हम आने वाले महीनों में अपने खेल में सुधार लाने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे। पिछला साल टीम के लिए काफी अच्छा रहा जहां हमने ओलंपिक क्वालीफायर जीतकर ओलंपिक कोटा हासिल किया। हाल ही में हमने दुनिया की शीर्ष टीमों से मुकाबला किया है। हमारा एकमात्र उद्देश्य ओलंपिक में पदक जीतना है।”
उन्होंने कहा कि उनके करियर में पूर्व भारतीय कप्तान प्रीतम रानी सिवाच का काफी प्रभाव रहा है। नेहा ने कहा, “जब मैं पांचवीं कक्षा में थी तो मैं स्थानीय अखबार में प्रीतम दीदी की फोटो देखा करती थी औऱ उन्हें घरेलू मैदान में खेलते देखती थी। एक दिन उन्होंने मुझसे पूछा कि मैं प्रतिदिन मैदान क्यों आती हूं तो मैंने उनसे कहा कि मुझे यह खेल खेलना है।”
उन्होंने कहा, “मेरे माता-पिता हॉकी के उपकरण नहीं खरीद सकते थे तो प्रीतम दीदी ने मुझे यह उपलब्ध कराया और मुझे खेल में कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया। उनके समर्थन के बिना मैं आज इस स्थिति में नहीं पहुंच सकती थी।”
नेहा ने कहा, “जब मैंने हॉकी खेलना शुरु किया तो यह मेरे लिए काफी कठिन था। मेरी मां दिन-रात कड़ी मेहनत करती थीं जिससे हमें खाना मिल सके। इसके बाद जब मैं शीर्ष स्तर पर खेलने लगी तो मुझे कई बार चोट का सामना करना पड़ा औऱ मैं लंबे समय तक भारतीय टीम से बाहर रही।”
उन्होंने कहा, “हालांकि इस बीच सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि मैंने कभी हार नहीं मानी और हर चुनौती का डट कर मुकाबला किया। मुझे बहुत अच्छा लगता है कि वापसी के बाद मैं 2017 से भारतीय टीम की ओर से कई मुकाबलों में शामिल रही हूं।”
शोभित
वार्ता