खेलPosted at: Sep 25 2020 8:46PM खुद पर विश्वास से संन्यास के विचार को काबू किया: झाझरिया
नयी दिल्ली, 25 सितम्बर (वार्ता) पैरालम्पिक में दो बार के स्वर्ण पदक विजेता भाला फेंक एथलीट देवेंद्र झाझरिया ने खुलासा किया है कि उन्होंने खुद पर विश्वास से इस खेल से संन्यास लेने के अपने विचार पर काबू पाया था।
झाझरिया ने फिट इंडिया अभियान की पहली वर्षगांठ के अवसर पर गुरूवार को फिट इंडिया संवाद में यह बात साझा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिट इंडिया संवाद कार्यक्रम के दौरान विभिन्न खेल से जुड़ी हस्तियों, फिटनेस विशेषज्ञों और अन्य लोगों के साथ बातचीत की थी।
श्री मोदी ने विभिन्न पैरालम्पिक आयोजनों में भारत को पदक दिलाने के लिए देवेंद्र की सराहना की। उन्होंने देवेंद्र से पूछा कि वह कैसे अपनी चुनौतियों पर विजय प्राप्त कर विश्व प्रसिद्ध एथलीट बने। झाझरिया ने बिजली का करंट लगने से अपना हाथ गंवाने के बाद पैदा हुई चुनौती को याद करते हुए बताया कि कैसे उनकी मां ने उन्हें एक सामान्य बच्चे के रूप में व्यवहार करने और फिटनेस की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित किया।
झाझरिया ने अपनी हाल ही की कंधे की चोट से उबरने और इस खेल से संन्यास लेने के अपने विचार पर काबू पाने के बारे में प्रधानमंत्री के सवाल पर कहा कि मानसिक और शारीरिक चुनौतियों को दूर करने के लिए पहले खुद पर विश्वास करना चाहिए। उन्होंने कुछ शारीरिक कसरतों का प्रदर्शन किया और अपनी चोट से उबरने के लिए अपनाये गए अपने फिटनेस मंत्र पर चर्चा की।
श्री मोदी ने झाझरिया के इस तरह के प्रेरणादायक काम के लिए प्रशंसा की। उन्होंने झाझरिया की मां की प्रशंसा करते हुए सराहना की जिन्होंने 80 साल की उम्र में उनका हौसला बढ़ाया।
झाझरिया ने 2004 के एथेंस और 2016 के रियो पैरालम्पिक में भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। झाझरिया को 2004 में अर्जुन अवार्ड, 2012 में पद्मश्री और 2017 में देश के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित किया गया था।
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वार्ता