भारतPosted at: Aug 22 2019 11:09PM पी चिदंबरम पांच दिन की सीबीआई हिरासत में
नयी दिल्ली, 22 अगस्त (वार्ता) केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहार ने गुरुवार को पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया अनियमितता मामले में 26 अगस्त तक सीबीआई हिरासत में भेज दिया।
इस मामले में जांच एजेंसी ने आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड की अनुमति में कथित अनियमितताओं के चलते मई 2017 में एक प्राथमिकी दर्ज की थी। ये कथित अनियमिततायें उस समय की हैं जब श्री चिदंबरम वित्त मंत्री थे। आईएनएक्स मीडिया में 305 करोड़ रुपए विदेशी निवेश कराने को लेकर उन पर अनियमितता का आरोप है
जांच एजेंसी के मुताबिक आईएनएक्स मीडिया में विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड की मंजूरी देने में कथित तौर पर उनकी भूमिका संदिग्ध है और इस तरह के आरोप है कि नियमों को ताक पर रखकर विदेशी निवेश की अनुमति दी गई।
पिछले वर्ष अप्रैल में उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम को सीबीआई और न्यायिक हिरासत में 23 दिनों तक रहना पड़ा था। वह आईएनएक्स मीडिया मामले में सह आरोपी हैं।
श्री चिदंबरम को कल यहां उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई ने गुरुवार को अदालत के समक्ष कहा था कि आईएनएक्स मीडिया मामले में बड़े पैमाने पर हुई साजिश का पता लगाने के लिए श्री चिदंबरम को हिरासत में लेकर पूछताछ करनी जरूरी है।
सीबीआई ने तर्क दिया था कि यह बहुत बड़ा अपराध है और जिस तरह से वह इस मामले में जवाब देने से बचते रहे हैं, उसे देखते हुए श्री चिदंबरम को हिरासत में लेने के पर्याप्त आधार हैं। सीबीआई का कहना है कि वह इस मामले में जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और कुछ सवालों की तह तक जाने के लिए उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ जरूरी है।
सीबीआई का यह भी कहना है कि मनी लांड्रिंग (काले धन को वैध बनाने) निरोधक कानून के तहत आईएनएक्स मीडिया घोटाला एक गंभीर और बहुत बड़ा मामला है।
श्री चिदंबरम के वकीलों ने उन्हें हिरासत में लेकर यह कहते हुए पूछताछ करने का विरोध किया कि इस मामले में पहले गिरफ्तार किये कार्ति चिदंबरम के चार्टर्ड एकाउंटेंट भाष्कर रमन अब जमानत पर हैं, इसके अलावा इन्द्राणी और पीटर मुखर्जी भी इस मामले में अदालत लाये जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि श्री चिदंबरम को कल रात गिरफ्तार किया गया था लेकिन उनसे पूछताछ आज अपराह्न 11 बजे की गयी। बचाव पक्ष ने कहा कि जमानत मंजूर किया जाना एक नियम है और अदालत के सामने मसला यह निजी आजादी का है क्याेंकि श्री चिदंबरम पूछताछ से कभी नहीं भागे।
उन्होंने कहा कि विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड संस्तुति छह सरकारी सचिवों ने दी थी और इस मामले में उनमें से किसी की गिरफ्तारी नहीं की गयी है। बचाव पक्ष ने कहा कि श्री चिदंबरम पूछताछ से कभी नहीं भागे और यह मामला दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर बनाया गया है।
न्यायाधीश ने सीबीआई और बचाव पक्ष के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद श्री चिदंबरम को 26 अगस्त तक के लिए सीबीआई हिरासत में भेज दिया।