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चित्रकला एक ऐसी विधा है, जो निरर्थक विकारों से बचाती है : साधौ

चित्रकला एक ऐसी विधा है, जो निरर्थक विकारों से बचाती है : साधौ

भोपाल, 13 सितंबर(वार्ता) मध्यप्रदेश की संस्कृति मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ने कहा कि युवाओं के लिए चित्रकला एक ऐसी विधा है, जो निरर्थक विषयों और विकारों से बचाती है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार डॉ़ साधौ ने आज स्वराज भवन कला विथिका में रिद्धी-सिद्धी संस्था की तीन दिवसीय चित्र प्रदर्शनी का शुभारंभ करने के दौरान यह विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए चित्रकला एक ऐसी विधा है, जो निरर्थक विषयों और विकारों से बचाती है। कला संस्थाएँ नवोदित और उभरते चित्रकारों को कला-प्रदर्शन का महत्वपूर्ण मंच उपलब्ध करवा रही हैं।

डॉ. साधौ ने उदीयमान चित्रकारों से चर्चा की और श्रेष्ठ कला के लिए उनकी सराहना की।

प्रदर्शनी में 18 चित्रकारों के बनाए चित्र प्रदर्शित किए गए। इनमें से 14 चित्रकारों को पहली बार मंच मिला है। प्रदर्शनी में सुश्री मंजू मिश्रा के बनाए एक्रेलिक और आयल चित्र तथा ऋषभ निगम, अनु प्रकाश, आरती गोयल और मृणाल मेहता के बनाए पोट्रेट, प्रियंका यदु के साफ्ट पेस्टल चारकोल, विद्योतमा कोल्हे के पारम्परिक महाराष्ट्रीय वारली कोन वर्क, हर्षना रामटेके के माडर्न एब्सट्रेक्ट, अंजू निगम और श्रुति परिहार के मधुबनी शैली के चित्र, श्रुति जैन के कलर पैंसिल चित्र को कला प्रेमी दर्शकों ने पसंद किया।

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