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कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान की फिर किरकिरी

कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान की फिर किरकिरी

माले (मालदीव) 01 सितंबर (वार्ता) लाेकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अगुवाई में मालदीव गये भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने कश्मीर मुद्दे को उठाये जाने पर पाकिस्तान की जोरदार आलोचना करते कहा कि पूरा विश्व जानता है कि उसने अपने देश में किस तरह नरसंहार किया था और इसे अब स्वतंत्र बंगलादेश के नाम से जाना जाता है।

मालदीव की संसद में रविवार को एशिया स्पीकर्स समिट के दौरान भारत ने पाकिस्तान के आतंकवाद एजेंडे को नाकाम कर दिया। भारत ने पाकिस्तान को आतंकवाद के साथ-साथ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के मुद्दे पर भी घेरा। राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश ने पाकिस्तान के ‘असेंबली) के उपाध्यक्ष कासिम सूरी को ने केवल कश्मीर का मुद्दा उठाने से रोका बल्कि पाकिस्तान की बखिया भी उधेड़ दी।

श्री हरिवंश ने कहा,“दुनिया जानती है कि कैसे उन्होंने (पाकिस्तान) अपने ही देश के एक हिस्से में नरसंहार किया और वह अब स्वतंत्र देश बंगलादेश के नाम से जाना जाता है .... मैं पूछना चाहता हूं कि इस देश (पाकिस्तान) को मानवाधिकारों से जुड़े मुद्दों को उठाने का क्या अधिकार है? चूंकि उन्होंने कश्मीर के मानवाधिकार मुद्दे को उठाया है, इसलिए मैं यह बताना चाहूंगा कि पाकिस्तान ने कश्मीर के हमारे हिस्से पर कब्जा किये हुए है जो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के रूप में जाना जाता है।”

उन्होंने कहा,“हम ऐसे मसले को इस मंच पर उठाए जाने का विरोध करते हैं और इसके राजनीतिकरण को साफ नकारते हैं तथा यह इस सम्मेलन (चौथे दक्षिण एशियाई संसदीय अध्यक्ष सम्मेलन) की सोच से भी मेल नहीं खाता है। क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता के हित में पाकिस्तान की ओर से सीमा पार आतंकवाद और आतंकवादियों को दी जाने वाली सभी प्रकार की सरकारी सहायता को तुरंत रोके जाने की जरूरत है।”

‘सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति’ विषय पर दक्षिण एशियाई देशों की संसदों के अध्यक्षों के चौथे शिखर सम्मेलन का आयोजन मालदीव में आयोजित हो रहा है। भारत की ओर से सर्वश्री हरिवंश और श्री बिरला शिरकत कर रहे हैं जबकि पाकिस्तान की ओर से श्री सूरी और सीनेटर कुरात अल ऐन ने हिस्सा ले रहे हैं।

श्री सूरी ने कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए कहा,“जुल्मो सितम के शिकार कश्मीरियों की हालत को नजरअंदाज नहीं जा सकता और इनके खिलाफ जारी नाइंसाफ का हिसाब करना होगा।”

श्री सूरी को श्री हरवंश ने बीच में रोकते हुए कहा,“हम इस फोरम पर भारत के आंतरिक मुद्दे को उठाने का कड़ा विरोध करते हैं। हम इस फोरम के राजनीतिकरण का विरोध करते हैं। आतंकवाद दुनिया के लिए बड़ा खतरा है। पाकिस्तान को क्षेत्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए सीमा पार आतंकवाद को रोकना होगा। किसी भी लिखित बयान को सर्वसम्मति से जगह नहीं मिलनी चाहिए।”

उन्होंने कहा कि आतंकवाद आज पूरी दुनिया में मानवता के लिए ‘सबसे बड़ा खतरा’ है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सत्र की कार्यवाही से कश्मीर स्थिति के संदर्भ को हटा दिया जाए।

मालदीव आये भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल में लोकसभा की महासचिव स्नेहलता श्रीवास्तव और राज्यसभा के महासचिव देश दीपक वर्मा भी शामिल हैं।

उल्लेखनीय है कि भारत और पाकिस्तान के अलावा अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, म्यांमार, नेपाल और श्रीलंका के पीठासीन अधिकारियों ने मिलकर ‘स्पीकर फोरम’ का गठन किया है।

संजय, संतोष

जारी.वार्ता

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