नयी दिल्ली, 20 अप्रैल (वार्ता) क्रिकेटर हार्दिक पांड्या और लोकेश राहुल को एक टीवी शो पर महिलाओं के खिलाफ की गयी आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में भारतीय क्रिकेट कंट्राेल बोर्ड(बीसीसीआई) ओम्बड्समैन ने 20-20 लाख रूपये का जुर्माना लगाया है, जिस राशि को सामाजिक कार्याें में खर्च करना हाेगा।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड(बीसीसीआई) के ओम्बड्समैन न्यायाधीश डीके जैन ने शनिवार को दोनों क्रिकेटरों को टीवी शो ‘कॉफी विद करण’ पर महिलाओं के खिलाफ की गयी आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में दंडित किया और उन पर जुर्माना लगाया। बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर भी इस निर्देश को प्रकाशित किया गया है।
न्यायाधीश जैन ने अपने निर्देश में लिखा कि दोनों खिलाड़ियों के खिलाफ आगे कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। दोनों पहले ही इस टिप्पणी के लिये अस्थायी निलंबन झेल चुके हैं और उन्होंने इसके लिये लिखित माफी भी मांगी थी। दोनों भारतीय खिलाड़ी लंबित पड़ी मामले की सुनवाई के चलते पहले ही पांच-पांच वनडे मैचों से बाहर रहे हैं लेकिन इन्हें 30 मई से ब्रिटेन में होने वाले आईसीसी विश्वकप के लिये भारत की 15 सदस्यीय टीम में शामिल किया गया है।
निर्देश में कहा गया है कि पांड्या और राहुल को अर्धसैनिक बल के 10-10 सिपाहियों की विधवाओं को ‘भारत के वीर’ एप्लिकेशन के जरिये एक एक लाख रूपये की मदद देनी होगी जबकि दृष्टिहीन क्रिकेट के विकास के लिये बनाये गये दृष्टिहीन क्रिकेट संघ को भी 10-10 लाख रूपये की राशि दान करनी होगी।
दोनों भारतीय खिलाड़ियों को चार सप्ताह के भीतर इस राशि का भुगतान करना होगा। सर्वाेच्च अदालत द्वारा नियुक्त ओम्बड्समैन ने पांड्या और राहुल को इस मामले की सुनवाई के लिये दो अप्रैल को नोटिस भेजा था और 9 और 10 अप्रैल को उन्हें पेश होने के भी निर्देश दिये थे। दोनों खिलाड़ियों ने न्यायाधीश जैन के सामने एक बार फिर अपनी माफी दोहरायी थी।
इस दौरान बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी भी मौजूद रहे जिन्होंने सीओए के विचार को पेश किया जिसके अनुसार इन मैचों की फीस कटने और पांच मैचों का निलंबन काफी बताया गया था। हालांकि न्यायाधीश जैन इससे संतुष्ट नहीं हुये और उन्होंने दोनों पर 20-20 लाख रूपये जुर्माना लगाया जिसे सामाजिक कार्याें में खर्च करने के निर्देश दिये गये हैं।
न्यायाधीश ने राहुल और पांड्या के सभी लिखित और मौखिक सबूतों की समीक्षा के बाद दिये अपने फैसले में कहा,“ दोनों खिलाड़ियों ने बीसीसीआई की उनके खिलाफ की गयी कार्रवाई का विरोध नहीं किया, ऐसे में उनके खिलाफ आगे कोई और कार्रवाई नहीं की जाएगी।”
उन्होंने कहा,“ जिस देश में क्रिकेटरों को आदर्श माना जाता है, वहां खिलाड़ियों को समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का अहसास होना चाहिये फिर चाहे वे मैदान पर हों या मैदान के बाहर। ऐसे में इन दो खिलाड़ियों के इस व्यवहार को बिना संज्ञान के छोड़ा नहीं जा सकता है। इन्होंने जो भी बयान दिये उससे निश्चित ही कई भावनाएं आहत हुयीं।”
गौरतलब है कि भारतीय ऑलराउंडर और सलामी बल्लेबाज़ ने कॉफी विद करण शो पर महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं जिसके बाद उनकी चौतरफा आलोचना हुयी थी। इसके लिये प्रशासकों की समिति (सीओए) के अध्यक्ष विनोद राय ने मामले पर संज्ञान लेते हुये उनपर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन बीसीसीआई में ओम्बड्समैन नहीं होने की स्थिति में दोनों पर से अस्थायी बैन को हटा लिया गया था।
यह विवादास्पद एपिसोड जनवरी के पहले सप्ताह में प्रसारित हुआ था जिसके लिये दोनों खिलाड़ियों को चौतरफा आलोचना झेलनी पड़ी थी। इस कारण से दोनों को आस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड दौरे से बीच में ही वापिस लौटना पड़ा था और सीओए ने उनपर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया था।
पांड्या और राहुल ने इसके लिये लिखित माफी मांगी थी। सीओए ने न्यायाधीश जैन के ओम्बड्समैन नियुक्त होने के बाद उन्हें इस मामले की सुनवाई सौंप दी थी।