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कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित कर संसद का मानसून सत्र सम्पन्न

कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित कर संसद का मानसून सत्र सम्पन्न

नयी दिल्ली, 10 अगस्त (वार्ता) संसद के आज सम्पन्न हुए मानसून सत्र के दौरान राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) को संवैधानिक दर्जा देने, उच्चतम न्यायालय के फैसले के परिणामस्वरूप कमजोर हुए अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) अत्याचार निवारण कानून को मूल स्वरूप में लाने और घूस लेने के साथ देने को भी अपराध की श्रेणी में रखने जैसे कुछ महत्वपूर्ण विधेयक पारित किये गये।

अठारह जुलाई से शुरू हुए मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ पहली बार अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, जिस पर करीब पौने 12 घंटे की चर्चा हुई और अंत में यह गिर गया। छह अध्यादेशों के स्थान पर लाये गये विधेयक भी पारित किये गये, लेकिन तीन तलाक से संबंधित विधेयक एक बार फिर लटक गया। इस सत्र में राज्यसभा ने अपने नये उपसभापति का भी चयन किया।

इस दौरान दोनों सदनों की 17 बैठकें हुईं और दोनों में ही पिछले सत्र की तुलना में बेहतर कामकाज हुआ। लोकसभा में 112 घंटे कामकाज हुआ, यद्यपि व्यवधान के कारण आठ घंटे 26 मिनट का समय बर्बाद भी हुआ। राज्यसभा में 27 घंटे का समय बर्बाद हुआ। दोनों सदनों में 22 विधेयक पेश हुए। लोकसभा ने 21 विधेयक पारित किये, जबकि राज्यसभा में यह आंकड़ा 14 का रहा।

दोनों सदनों में पारित विधेयकों में एससी/एसटी अत्याचार निवारण संशोधन विधेयक 2018, संविधान (123वां संशोधन) विधेयक, 2017, बारह साल से कम उम्र की बच्चियों से बलात्कार के मामले में फांसी की सजा के प्रावधान वाला आपराधिक विधि (संशोधन) विधेयक 2018, भगोड़ा आर्थिक अपराधी निवारण विधेयक 2018, भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) विधेयक 2018, दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2018 तथा राष्ट्रीय खेलकूद विश्वविद्यालय विधेयक 2018 प्रमुख हैं।

इस सत्र में असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ और राफेल रक्षा सौदे को लेकर विपक्ष ने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग को लेकर सदन की कार्यवाही बाधित की।

अरविंद/सत्या/ सुरेश

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