नयी दिल्ली, 23 जुलाई (वार्ता) विपक्ष की गैर मौजूदगी में आज राज्यसभा ने वित्त विधेयक 2019 और विनियोग विधेयक 2019 को ध्वनिमत से मंजूरी देकर लोकसभा को लौटा दिया और इसके साथ ही वित्त वर्ष 2019-20 के आम बजट को संसद की स्वीकृति मिल गयी।
सदन ने लगभग तीन घंटे चली चर्चा के बाद इन दोनों विधेयकों को लौटाया। दोनों विधेयकों पर भाेजनावकाश के बाद चर्चा शुरू करायी गयी तो कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों के सदस्य कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वक्तव्य की मांग करते हुए सदन से वाकआउट कर गये। विधेयकों पर चर्चा में सिर्फ सत्तापक्ष के सदस्यों ने भाग लिया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चर्चा का जवाब देते हुये कहा कि विनियोग विधेयक संचित निधि से सरकार के कामकाज के लिए निधि निकालने तथा वित्त विधेयक कर संबंधी प्रावधानों को अमल लाने के लिए हैं। उन्हाेंने कहा कि प्रत्यक्ष कर संहिता पर सरकार गंभीर है और इस संबंध में गठित किये गये कार्यबल की रिपाेर्ट 31 जुलाई को आ जाएगी। इस पर सरकार आगे बढ़ेगी। सरकार ने काले धन को रोकने के लिए प्रयास किये हैं और संबंधित कानूनों में बदलाव किया जा रहा है।
पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाने को सही ठहराते हुए उन्होंने कहा कि महंगाई नियंत्रण में है और इसका आम जनता पर प्रभाव नहीं पड़ेगा। न्यूज प्रिंट पर 10 प्रतिशत उत्पाद शुल्क बढाने के संबंध उन्होंने कहा कि यह फैसला घरेलू कागज उद्योग के संरक्षण के लिए किया गया है।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि सरकार का यह बजट समाज के सभी वगोंं के लिए हैं और इससे नये भारत का निर्माण होगा। इससे समाज में समानता लाने में मदद मिलेगी और पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता आयेगी। बजट में आकांक्षी जिलों पर विशेष जोर दिया गया है और केंद्र सरकार की सभी योजनाओं में इनका खास ध्यान रखा गया है। सरकार ने देश के समग्र विकास के लिए जिलों की जरुरतों को ध्यान में रखकर योजनायें तैयार की है। पिछडे जिलों का विकास समग्र विकास के लिए जरुरी है।
वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में जीवन को आसान बनाने के लक्ष्य को ध्यान में रखा गया है। सरकार ने कार्पोरेट कर घटाकर 30 प्रतिशत से 25 प्रतिशत कर दिया है। इसके साथ देश के 99.5 प्रतिशत कंपनियां इसके दायरे में आ गयी है। बजट में ई. वाहन पर छूट देने का प्रावधान किया है और इनपर कर पांच प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है। रोजगार के अवसर को प्रोत्साहन देने के लिए स्टार्टअप को छूट दी गयी है। सरकार ने वर्ष 2022 तक सबको आवास उपालब्ध कराने का लक्ष्य हासिल करने के लिए सस्ते आवासों के निर्माण को बढ़ावा देने के प्रावधान किये हैं।
उन्होंने कहा कि छोटे उद्योगों को पूंजी उपलब्ध कराने के लिए गैर बैंकिंग वित्त कंपनियों का नियंत्रण भारतीय रिजर्व बैंक को दिया गया है और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमयन बोर्ड से संबद्ध अधिनियम में बदलाव करने का प्रस्ताव है।
सत्या उनियाल
वार्ता