Thursday, Apr 18 2024 | Time 18:03 Hrs(IST)
image
पार्लियामेंट


श्री जेटली ने कहा कि मनरेगा पर अगले वित्त वर्ष में भी 55 हजार करोड़ रुपये व्यय करने का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही खाद्य सुरक्षा के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी के तहत राज्यों को क्षतिपूति दी जाती है और उनके राजस्व में 14 फीसदी से कम की बढोतरी नहीं होगी। इसके लिए 61831 करोड़ रुपये को दर्शाया गया है लेकिन इससे सरकार पर कोई भार नहीं पड़ेगा क्योंकि यह जीएसटी उपकर से आयेगा। हर महीने सात से आठ हजार करोड़ रुपये का राजस्व इस मद में अा रहा है।
श्री जेटली ने कहा कि संप्रग के कार्यकाल में नीतिगत निर्णय नहीं हो रहे थे जबकि मोदी सरकार ने ढांचागत सुधार किया और संप्रग के कार्यकाल में भारत दुनिया के सबसे पांच जोखिम वाले देशों में शामिल हो गया था जबकि अभी यह दुनिया का चमकता हुआ सितारा बन गया है।
उन्होंने कहा कि सीमा शुल्क कम होने के कई कारण है। सीमा शुल्क से जुड़े कई शुल्कों को जीएसटी में सम्माहित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अब जीएसटी में स्थिरता आ गयी है और जीएसटी दरें भी स्थिर हो गयी है। श्री जेटली ने सरकारी बैंकों के पुनर्पूंजीकरण का उल्लेख करते हुये कहा कि वर्ष 2017-18 से लेकर 2018-19 तक 2.12 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है जिससे उसकी ऋण देने की क्षमता बढ़ेगी। अब निजी निवेश में तेजी आने के संकेत मिलने लगे हैं ।
उन्होंने कहा कि 250 करोड़ रुपये के कारोबार वाली कंपनियों के लिए कंपनी कर को कम कर 25 फीसदी करने से सात हजार करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि जब श्री चिदंबरम वित्त मंत्री थी तब उन्होंने ही कंपनी कर को कम कर 25 फीसदी करने का उल्लेख प्रत्यक्ष कर संहिता में किया था।
शेखर सत्या
वार्ता
There is no row at position 0.
image