बेंगलुरु, 16 जून (वार्ता) भारतीय महिला हॉकी टीम की गोलकीपर सविता ने कहा है कि लॉकडाउन ने उन्हें धैर्य रखना सिखाया है और छोटे लम्हों की भी कद्र करने के कई कारण दिये हैं।
हरियाणा के सिरसा की रहने वाली सविता ने कहा, “मैं हमेशा से शांतिप्रिय इंसान रही हूं लेकिन मेरे हिसाब से लॉकडाउन के दौरान हमारे धैर्य का स्तर काफी बढ़ा है। बेंगलुरु के साई सेंटर में हम सब अपने साथियों के साथ अच्छा वक्त गुजार रहे हैं जिससे हमें एक-दूसरे के साथ भी जुड़ने का मौका मिला है।”
29 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा, “मैंने इस दौरान अपने परिवार को बहुत याद किया है, लेकिन मैं भी बहुत खुश हूं कि वे सभी सुरक्षित और स्वस्थ हैं। एक बार जब मैं घर वापस लौटूंगी तो वह वास्तव में मेरे लिये वह कीमती क्षण होंगे ।”
टीम इंडिया के लिये 12 वर्षों से खेल रही सविता ने यह माना कि उनका सर्वश्रेष्ठ अभी आना बाकी है। अगले साल होने वाले टोक्यो ओलंपिक के लिए सविता ने कहा कि 2016 में रियो ओलंपिक में खेलने का उनका अनुभव उनके व्यक्तिगत प्रदर्शन को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
एफआईएच विश्व रैंकिंग में नौवें स्थान पर मौजूद भारतीय टीम की खिलाड़ी सविता ने कहा, “मेरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन आना अभी बाकी है और जब मैं यह कहती हूं तो मेरे ऊपर टोक्यो ओलंपिक में अपनी टीम के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। मेरी पूरी कोशिश रहेगी कि ओलंपिक में अपना सर्वश्रेष्ठ दूं ताकि हम रियो ओलंपिक की नाकामी को भुला सकें। उस समय हम नये थे और हमसे कई गलतियां हुई लेकिन टोक्यो में हमारे पास इतिहास रचने का मौका है।”
शुभम राज
वार्ता