राजगीर 25 अक्टूबर (वार्ता) राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज कहा कि विकास के लिए शांति की स्थापना आवश्यक है।
श्री कोविंद ने यहां विश्व शांति स्तूप के 50वें स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में महात्मा बुद्ध की उक्ति ‘नत्थी सांतिपरम सुखम’ (शांति से बड़ा कोई आनंद नहीं) को उद्धृत करते हुये कहा कि विकास के लिए शांति की स्थापना आवश्यक है। महात्म बुद्ध ने अपने उपदेश में शांति को महत्वपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिकता, शांति एवं विकास एक-दूसरे काे मजबूत बनाते हैं वहीं संघर्ष, अस्थिरता एवं अविकसित एक-दूसरे को खा जाते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि इस समारोह में शामिल हुये लोगों का दायित्व है कि गरीबी और संघर्ष को समाप्त करने के लिए शांति के मार्ग का अनुसरण करें। उन्होंने कहा, “महात्मा बुद्ध से लेकर महात्मा गांधी तक ‘एशिया का प्रकाश’ हमारे भविष्य के मार्ग काे रोशन कर देगा और हमें सुख-समृद्धि की प्राप्ति होगी।”
श्री कोविंद ने कहा कि महात्मा बुद्ध के संदेश एवं उनके अनुयायियों का विस्तार प्राचीन काल से ही पूरे एशिया में रहा है, जिसे वैश्वीकरण की पूर्वपीठिका कहा जा सकता है। महात्मा बुद्ध के बताये आष्टांगिक मार्ग ने न केवल पूरी दुनिया के आध्यात्मिक परिदृश्य को परिवर्तित किया बल्कि सामाजिक, राजनीतिक एवं व्यवसायिक क्षेत्र में नैतिकता को भी प्रोत्साहित किया।
सं सूरज
जारी (वार्ता)