श्रीनगर, 04 अप्रैल (वार्ता) कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग को सुरक्षा बलों के जवानों के निर्बाध और सुरक्षित आवाजाही के लिए सप्ताह में दो दिन नागरिक यातायात के लिए बंद रखने के फैसले पर राज्य के स्थानीय लोगों और मुख्यधारा की कई राजनीतिक पार्टियों ने तीखी प्रतिक्रिया की है।
इस वर्ष भूस्खलन और पत्थर गिरने की घटनाओं के कारण राजमार्ग को अक्सर बंद करना पड़ा जिसकी वजह से घाटी में आवश्यक वस्तुएं, विशेष रूप से सब्जियां, पेट्रोल, डीजल, एलपीजी और मीट एवं चिकन की भारी कमी रही।
अधिकारियों ने बुधवार रात एक आदेश जारी किया कि हर सप्ताह बुधवार और रविवार को राजमार्ग पर नागरिकों के वाहनों को आवाजाही की अनुमति नहीं दी जाएगी। दोनों दिन केवल सुरक्षा बलों के वाहनों को राजमार्ग पर जाने की अनुमति दी जाएगी।
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सजाद गनी लोन ने इस फैसले की तीखी आलोचना की है।
घाटी के व्यापारियों, छात्रों, और आम लोगों ने सरकार के इस फैसले की यह कहते हुये आलोचना की कि इससे घाटी में आवश्यक वस्तुओं का आयात बुरी तरह प्रभावित होगा।
नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने टि्वटर पर कहा, “क्या राजमार्ग को बंद रखने का आदेश जारी करने की योजना बनाने से पहले प्रशासन में किसी ने भी अपना दिमाग लगाया ? जम्मू-कश्मीर, छत्तीसगढ़ या आंध्र पद्रेश नहीं है जहां अन्य वैकल्पिक मार्गे हैं। यहां अगर आप राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद करते हैं तो आप घाटी से संपर्क करने के सभी रास्ते बंद कर देते हैं।”
उन्होंने कहा कि कश्मीर में बहुत बुरा हो रहा है। प्रत्येक सप्ताह रविवार और बुधवार को राष्ट्रीय राजमार्ग पर नागरिकों के वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाया जाना शर्मनाक है।
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, “हम एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं लेकिन लगता है कि यह मार्शल लॉ के तहत दिया गया कोई आदेश है। कश्मीर को मुश्किलों से भरी परिस्थिति में डालने के बाद प्रशासन कश्मीरियों के लिए सामूहिक सजा सुनिश्चित करने पर अडिग है।
पूर्व आईएएस अधिकारी डॉ शाह फैसल ने कहा कि राजमार्ग को हर सप्ताह बुधवार और रविवार को नागरिक यातायात के लिए बंद रखने का निणर्य बहुत ही चौंकाने वाला है।
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सजाद गनी लोन ने भी ट्वीट कर इस फैसले की कड़ी आलोचना की।