भोपाल, 13 जून (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल समस्या के स्थायी समाधान की योजनाएँ बनाने और उन्हें समय-सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
श्री कमलनाथ आज मंत्रालय में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एंव मध्यप्रदेश जल निगम संचालक मंडल की बैठक में पेयजल स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पेयजल जैंसी अनिवार्य जरूरतों का स्थायी समाधान न होना गंभीर है। उन्होंने कहा कि इस समस्या का जल्द से जल्द हल निकालने के लिए समयबद्ध कार्यक्रम तैयार करें। उन्होंने कहा कि मनुष्य की बुनियादी जरूरतों में से एक पानी है और हमारी यह जवाबदेही है कि लोगों को जरूरत के मुताबिक उपलब्ध करवाएँ।
उन्होंने कहा कि पेयजल योजनाएँ के सुचारू रूप से चलें इसके लिए वित्तीय संसाधन जुटाने के साथ ही संचालन और संधारण की लागत का आकलन करें और आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास हों। उन्होंने प्रदेश में वाटर एक्ट और पेयजल नीति शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने जल-प्रदाय योजनाओं के पी.पी.पी. एवं एन्यूटि मोड पर क्रियान्वित करने के लिए विभिन्न मॉडलों का अध्ययन करने को कहा।
बैठक में जल निगम को मंदसौर, नीमच एवं छिंदवाड़ा जिले में नई परियोजना इकाई स्थापना को मंजूरी दी गई।
बैठक में मुख्य सचिव एस.आर. मोहंती, अपर मुख्य सचिव जल संसाधन गोपाल रेड्डी, अपर मुख्य सचिव वित्त अनुराग जैन, प्रमुख सचिव, पी.एच.ई. संजय शुक्ला एवं सबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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