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फूलन का समर्पण दस्यु इतिहास की सबसे बड़ी घटना

फूलन का समर्पण दस्यु इतिहास की सबसे बड़ी घटना

इटावा, 28 जून (वार्ता) चंबल घाटी के खूंखार दस्यु सरगना जगन गूर्जर के राजस्थान के धौलपुर मे आत्मसर्मपण भले ही आज चर्चा का विषय बना हो लेकिन अस्सी के दशक में दस्यु सुंदरी फूलनदेवी और उसके साथियों का समर्पण बीहड़ के इतिहास में अब तक की सबसे यादगार घटना रही है।

जगन गुर्जर के आत्मसमर्पण ने वर्ष 1983 मे फूलन देवी के अलावा रामआसरे फक्कड और अरविंद रामवीर गुर्जर गैंग के समर्पण की यादे ताजा कर दी हैं। मध्यप्रदेश के भिंड मे तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के समक्ष फूलनदेवी के आत्मसमर्पण को अब तक का सबसे बहुचर्चित समर्पण माना जाता है जिसके बाद से चंबल मे डाकुओ के समर्पण का सिलसिला चल पडा ।

वरिष्ठ पत्रकार शैलेंद्र शुक्ला बताते है कि भले ही आज जगन गुर्जर के समर्पण के चर्चा हो रही हो लेकिन असलियत मे अब तक का सबसे बडा समर्पण 1983 मे फूलन देवी का समर्पण माना जायेगा जो तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के समक्ष हुआ है । शुक्ला बताते है कि समाज मे भटके हुए लोगो को मुख्यधारा मे लाने का काम आज से नही एक अर्से से होता आया है । समर्पण की इस प्रक्रिया को सराहनीय पहल के तौर पर देखा जाना चाहिए ।

कुख्यात डकैत सरगना ने शुक्रवार को धौलपुर में सरेंडर कर दिया। उस पर तीन राज्यों में डकैती, अपहरण और लूटपाट जैसी संगीन धाराओं में 100 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। जगन गुर्जर ने 12 जून को राजस्थान के धौलपुर जिले के बसई डांग इलाके के गांव सायपुर करनसिंह का पुरा में पहुंचकर एक परिवार को बंधक बना लिया था । गुर्जर और उसके साथियों ने महिलाओं और बच्चों से मारपीट की थी और महिलाओं को निर्वस्त्र करके हथियारों की नोक पर गांव में घुमाया था । इस घिनौने कृत्य के बाद गुर्जर अपने साथियों के साथ स्कार्पियो गाड़ी में सवार होकर फरार हो गया था। चौथी बार पुलिस के समक्ष समर्पण कर चुके जगन गुर्जर धौलपुर के डांग के भवुतीपुरा का रहने वाला है । 1994 में उसके जीजा की हत्या हो गई । जिसके बाद 1994 में उसने पत्नी और भाइयों के साथ मिलकर डकैत गैंग बनाया । चंबल में आतंक का पर्याय बने जगन गुर्जर पर राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के विभिन्न थानों में हत्या के प्रयास, लूट, फिरौती, अपहरण, नकबजनी, डकैती से जुड़े 100 से अधिक मामले दर्ज थे । उस पर 40 हजार का ईनाम भी घोषित किया गया था।

नौ साल पहले अपनी बेटी की शादी करते समय कसम खाई थी कि वह अब जुर्म की दुनिया छोड़ देगा । इससे पहले वह तीन बार आत्मसमर्पण भी कर चुका लेकिन उसने हर बार वापस जुर्म की राह पकड़ ली। इससे पहले जगन ने वर्ष 2001 में तत्कालीन धौलपुर एसपी बीजू जार्ज जोसफ के सामने,30 जनवरी 2009 को कैमरी गांव के जगन्नाथ मेले में कांग्रेस नेता सचिन पायलट के सामने और 19 अगस्त, 2018 को बयाना में तत्कालीन आईजी मालिनी अग्रवाल के समक्ष समर्पण किया रहा ।

इससे पहले उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश मे सक्रिय रहे कुख्यात डाकू रहे रामआसरे उर्फ फक्कड और उसकी सहयोगी कुसमा नाइन समेत गैंग ने आठ जून 2004 को मध्यप्रदेश के भिंड जिले के दमोह पुलिस थाने की रावतपुरा चौकी पर समर्पण कर दिया था। आत्मसमर्पण से पहले 27 साल से फक्कड़ बाबा गिरोह पुलिस की पकड़ में नहीं आ रहा था । भिंड के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक साजिद फरीद शापू के समक्ष गिरोह के सभी सदस्यों ने बिना शर्त समर्पण किया। गिरोह ने उत्तर प्रदेश में करीब 200 से अधिक और मध्य प्रदेश में 35 अपराध किए हैं। कानपुर निवासी फक्कड़ की सहयोगी कुसमा नाइन उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के सिरसाकलार की रहने वाली है । समर्पण करने वाले गिरोह के अन्य सदस्यों में मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले का राम चंद वाजपेयी,इटावा के संतोष दुबे,कमलेश वाजपेयी,घूरे सिंह यादव और मनोज मिश्रा ,कानपुर का कमलेश निषाद और जालौन का भगवान सिंह बघेल शामिल रहे ।

इस समर्पण के पीछे किसी ने मध्यस्थ की भूमिका नहीं निभाई है। फक्कड़ बाबा और उसके गिरोह ने अपनी इच्छा से आत्मसमर्पण किया है । फक्कड़ बाबा गिरोह ने कई विदेशी हथियार भी पुलिस को सौंपे । इनमें अमेरिका निर्मित 306 बोर की तीन सेमी-आटोमेटिक स्प्रिंगफील्ड राइफलें, एक आटोमेटिक कारबाइन, बारह बोर की एक डबल बैरल राइफल और कुछ दूसरे हथियार शामिल रहे ।

रामआसरे कुसमा नाइन गैंग के समर्पण के बाद 17 फरवरी 2005 को मध्यप्रदेश के भिंड जिले के एक मंदिर मे एके 47 से फायरिंग के बाद मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में आतंक का पर्याय बना कुख्यात डकैत अरविन्द गुर्जर अपने गिरोह के नौ सदस्यों के साथ मध्य प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रुस्तम सिंह के समक्ष आत्म समर्पण किया रहा ।

नौ साथियों के साथ मय हथियारों के आत्म समर्पण करने वालों में गिरोह का सरगना अरविन्द गुर्जर,उसका भाई रामवीर उर्फ जेली गुर्जर,दीपू तोमर व सीपू तोमर (सगे भाई ), लालसिंह उर्फ पिलू जाटव , नीरज जाट , पऊआ उर्फ नीरज ,अरविन्द की पत्नी शीला गुर्जर , रामवीर गुर्जर की पत्नी अनीता उर्फ बबली और दीपू तोमर की पत्नी गंगा जोशी शामिल रही ।

सं प्रदीप

वार्ता

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