नयी दिल्ली, 07 जून (वार्ता) अगले पांच साल के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वस्तु एवं सेवा क्षेत्र के योगदान को दो हजार अरब डालर करने के लिए केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सस्ती ब्याज दरों पर पूंजी उपलब्ध कराने पर जोर दिया और कहा कि इसके लिए सरकार और बैंकों को मिलकर काम करना होगा।
श्री गोयल ने यहां निर्यात पूंजी से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए बुलायी बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि अगले पांच वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में एक हजार अरब डालर का वस्तु निर्यात तथा एक हजार अरब डालर का सेवा निर्यात का योगदान करने के लिए उद्योगों तथा निर्यातकों को कम ब्याज दरों ऋण उपलब्ध कराना आवश्यक है। उन्हाेंने कहा कि उद्योगों को सस्ती दरों पर पूंजी उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सरकार और बैंकों को संयुक्त रुप से उठानी होगी।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों से निर्यात के लिए पूंजी की उपलब्धता लगातार घट रही है जिसपर तत्काल ध्यान देने की जरुरत है। उन्होंने निर्यातकों को लंदन इंटरबैंक आॅफर्ड रेट और 200 अंकों के आधार पर विदेशी मुद्रा में पूंजी उपलब्घ कराने की संभावना तलाशने पर जोर दिया।
बैठक में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी और सोम प्रकाश, वाणिज्य सचिव अनूप वाधवन, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग सचिव अरुण कुमार पांडा, विदेश व्यापार के महानिदेशक आलोक वर्धन चतुर्वेदी और वित्त मंत्रालय तथा वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बैठक में भारतीय निर्यातक महासंघ, रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद तथा अन्य निर्यातक परिषदों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इनके अलावा बैठक में निर्यातक संघों के अलावा भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक, बार्कलेज बैंक, सिटी इंडिया, बैंक आॅफ अमेरिका, एक्जिम बैंक, ईसीजीसी, इंडियन बैंक एसोसिएशन, लघु उद्योग भारती, भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ, भारतीय उद्योग परिसंघ के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।
सत्या सचिन
वार्ता