जयपुर, 29 जुलाई (वार्ता) राजस्थान के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कोरोना के दौर में ‘प्लाज्मा दान‘ को सबसे बड़ा दान बताते हुए कहा है कि प्रदेश में कोरोना को हराने में प्लाज्मा थेरेपी बेहद कारगर साबित हुई है।
डा. शर्मा ने आज यहां बताया कि ऐसे में गंभीर रूप से पीड़ित लोगों के इलाज के प्लाज्मा की जरूरत रहती है। उन्होंने ‘कोरोना डिफिटर्स‘ को ज्यादा से ज्यादा तादात में प्लाज्मा दान करने का आग्रह किया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना के गंभीर मरीजों की शुरुआत प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल में की गई। इसका प्रयोग शतप्रतिशत सफल भी रहा। सफलता के साथ ही अन्य मेडिकल कॉलेजों द्वारा आईसीएमआर से प्लाज्मा थेरेपी से इलाज की अनुमति मांगी गई। वर्तमान में जयपुर, जोधपुर, कोटा और उदयपुर में प्लाज्मा थेरेपी के जरिए मरीजों का इलाज कर उन्हें जीवनदान दिया जा रहा है।
डा.शर्मा ने कहा कि प्लाज्मा थेरेपी से इलाज के लिए बीकानेर और अजमेर को भी जल्द अनुमति मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार प्रत्येक जिला मुख्यालयों के अस्पतालों पर प्लाज्मा थेरेपी से इलाज कराने के लिए माइक्रो लेवल पर प्लानिंग कर रही है। उन्होंने कहा कि यह सभी प्रभावी हो सकेगी, जब ज्यादा से ज्यादा ‘कोरोना डिफिटर्स‘ प्लाज्मा दान करेंगे।
चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार 18 से 60 वर्ष की उम्र का कोई भी व्यक्ति, जो आरटीपीसीआर टेस्ट के जरिए बुखार और खांसी के लक्षणों से कोरोना पॉजीटिव पाया गया हो और 14 दिनों के उपचार के बाद पॉजिटिव से नेगेटिव होकर आया हो।
रामसिंह
वार्ता