नयी दिल्ली, 11 जनवरी (वार्ता) केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि उत्पाद से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) और सब्सिडी देना स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र के दीर्घकालिक विकास और वृद्धि के लिए हानिकारक हैं।
श्री गोयल ने कहा कि पीएलआई योजना केवल इस क्षेत्र को गति देने में मदद कर सकती है, लेकिन स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र को आत्म-निर्भर बनने का प्रयास करना चाहिए और स्वच्छ प्रौद्योगिकी क्षेत्र को सरकार से स्वतंत्र होना चाहिए।
केन्द्रीय मंत्री ने यहां शुक्रवार को भारत जलवायु फोरम 2025 में भारत क्लीनटेक विनिर्माण प्लेटफॉर्म के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। यह पहल सौर, पवन, हाइड्रोजन और बैटरी भंडारण क्षेत्रों में भारत की स्वच्छ प्रौद्योगिकी मूल्य श्रृंखलाओं को बढ़ाने के लिए तैयार की गई है।
श्री गोयल ने विनिर्माताओं से नवोन्मेषी तरीके से सोचें और देश में विनिर्माण का पैमाना बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि भारत स्वच्छ प्रौद्योगिकी विनिर्माण प्लेटफॉर्म के शुभारंभााभा से भारतीय फर्मों को सहयोग करने, सह-नवाचार करने का अवसर मिलेगा तथा वित्तपोषण, विचारों, प्रौद्योगिकियों और संसाधनों को साझा करने हेतु एक मंच प्रदान करने में सहायता मिलेगी।
केंद्रीय मंत्री ने आशा व्यक्त की कि इस फोरम में शामिल इकाइयां देश में 2030 तक पांच लाख मेगावाट स्वच्छ ऊर्जा की उत्पादन क्षमता स्थापित करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने में सक्षम होंगे। उन्होंने सूचित किया कि दो लाख मेगावाट स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन क्षमता स्थापित करने की उपलब्धि हासिल करने के बाद, हम अब 20230 तक पांच लाख मेगावाट स्वच्छ ऊर्जा हासिल करने के लिए अच्छी तरह तैयार हैं।
श्री गोयल ने कहा कि भारत के पास विश्व का सबसे बड़ा इंटरकनेक्टेड ग्रिड है।
मनोहर, उप्रेती
वार्ता