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लखीमपुर खीरी की घटना के लिए प्रधानमंत्री मांगें माफीः सिद्दारमैया

लखीमपुर खीरी की घटना के लिए प्रधानमंत्री मांगें माफीः सिद्दारमैया

बेंगलुरु 04 अक्टूबर (वार्ता) कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता सिद्दारमैया ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में घटित हुई हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुद माफी मांगनी चाहिए।

लखीमपुर खीरी में कथित तौर पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र के पुत्र आशीष मिश्र ने प्रदर्शनकारी किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी थी, जिसके कारण चार किसानों की मौत हो गयी थी। इसके बाद हिस्सा भड़क गई, जिसके कारण अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के विरोध में मशाल जुलूस निकालने के बाद सोमवार संवाददाताओं को संबोधित करते हुए श्री सिद्दारमैया ने कहा, "चार किसानों की मौत हो गई। वे विरोध कर रहे थे। यह उनका अधिकार है। वे न्याय मांग रहे थे। प्रधानमंत्री को खुद राज्य मंत्री की कार से किसानों की अमानवीय कृत्य के लिए माफी मांगनी चाहिए।"

उल्लेखनीय है कि श्रीमती वाड्रा को पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए लखीमपुर खीरी जाते समय में उप्र पुलिस ने सोमवार को तड़के हिरासत में ले लिया था।

केंद्रीय मंत्री ने हालांकि इस घटना में अपने पुत्र के शामिल होने से इनकार किया है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं पर हमला किया गया और लाठी तथा तलवार से उनकी हत्या कर दी गयी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में कुछ हमलावरों को दिखाया गया है, जो भाजपा कार्यकर्ताओं से जबरन यह कहने के लिए कहते हैं कि श्री मिश्र ने उनसे किसानों को कुचलने के लिए कहा था।

श्री सिद्दारमैया ने कहा कि श्री मोदी को अब तक श्री मिश्र को उनके मंत्रालय से बर्खास्त कर देना चाहिए था और उनके बेटे आशीष को गिरफ्तार कर जेल भेज देना चाहिए था।

साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नैतिक आधार पर इस्तीफा देना चाहिए था।

उन्होंने कहा कि 10 महीने से अधिक समय किसान प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने विरोध करने वाले किसानों को बातचीत के लिए आमंत्रित नहीं किया है और यह लोकतांत्रिक सिद्धांतों के खिलाफ है।

कांग्रेस नेता ने कहा, "क्या यह हिटलर की हुकूमत है? भाजपा को लोकतंत्र और संविधान में कभी विश्वास नहीं रहा। अगर उन्हें लगता है कि वे जबरदस्ती किसानों का दमन करेंगे तो वे भ्रम में हैं और उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।" उन्होंने लखीमपुर खीरी में श्रीमती प्रियंका गांधी को मृतकों के परिवार के सदस्यों से मिलने से रोकने, उन्हें गिरफ्तार करने और मानसिक रूप से परेशान करने के लिए उप्र पुलिस की भी कड़ी आलोचना की।

संतोष

वार्ता

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