भुवनेश्वर, 07 सितंबर (वार्ता) ओडिशा के व्यस्त राजमहल चौराहे पर पुलिस ने नये वाहन कानून के तहत निजी वाहनों पर जुर्माना लगाने और सरकारी वाहनों को जाने देने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लाठी चार्ज किया जिसमें कुछ पुलिसकर्मियाें सहित कई लोग घायल हो गये।
विरोध-प्रदर्शन की शुरुआत तब हुई जब कुछ स्थानीय लोगों ने देखा कि पुलिस ने नियमों का उल्लंघन करने के बावजूद भुवनेश्वर नगर निगम के एक वाहन, एक पुलिस वाहन और सीआरयूटी द्वारा चलायी जा रही एक बस को जुर्माना वसूले बिना जाने दिया। इस पर लोग नाराज हो गये और उन्होंने पुलिस से स्पष्टीकरण मांगा कि बस चालक पर जुर्माना क्यों नहीं लगाया गया। उन्होंने पुलिस वाहन आैर बीएमसी वाहन के चालकों को भी अपने दस्तावेज दिखाने के लिए कहा।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि कानून सभी के लिए समान होना चाहिए और जुर्माना वसूली में कोई पक्षपात नहीं होना चाहिए। देखते ही देखते चौराहे पर सैकड़ों प्रदर्शनकारी एकत्रित हो गये और पुलिस का घेराव करने लगे। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच कुछ देर तक बहस होने के बाद प्रदर्शनकारी ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों पर पथराव करने लगे और कांच की बोतलें फेंकने लगे।
घटना की जानकारी मिलते ही अतिरिक्त पुलिसकर्मी घटनास्थल पर पहुंच गये और प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया। लाठीचार्ज में कुछ पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गये।
इस दौरान कुछ घंटाें के लिए यातायात बाधित रहा और पुलिस काे स्थिति पर नियंत्रण करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
इस बीच भुवनेश्वर-कटक के पुलिस आयुक्त एस सारंगी ने स्पष्ट किया कि पुलिस लोगों का उत्पीड़न नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस केवल पांच नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना लगा रही है, जो हेलमेट के बिना दोपहिया वाहन चलाना, दोपहिया वाहन पर तीन लोगों का सवारी करना, शराब पीकर गाड़ी चलाना, गलत दिशा में गाड़ी चलाना और गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल फोन का इस्तेमाल हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस फिलहाल प्रदूूषण प्रमाण पत्र और बीमा के दस्तावेज की जांच नहीं कर रही है। यहीं नहीं, जुर्माने की 1000 की रकम की जगह महज 500 रुपये वसूले जा रहे हैं।
यामिनी.श्रवण
वार्ता