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निजी डेवेल्पर कॉलोनियों में बिजली कनेक्शन देने के लिए बनेगी नीति: खट्टर

निजी डेवेल्पर कॉलोनियों में बिजली कनेक्शन देने के लिए बनेगी नीति: खट्टर

गुरूग्राम, 16 अक्तूबर(वार्ता) गुरुग्राम में निजी डेवेल्परों द्वारा विकसित ऐसी कॉलोनियां, जिनमें इंफ्रास्ट्रक्च में छोड़ी गई कमी की वजह से बिजली के स्थाई और अस्थाई कनेक्शन नहीं दिए जा रहे हैं उनके लिए हरियाणा सरकार जल्द ही एक नीति बनाने जा रही है जिससे इन कॉलोनियों के निवासियों को राहत मिलेगी।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आज यहां जिला लोक सम्पर्क एवं कष्ट निवारण समिति की मासिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह घोषणा की। आज की बैठक में कुल 17 समस्याएं अथवा शिकायतें रखी गई थी, जिनमें से मुख्यमंत्री ने ज्यादात्तर का निपटारा मौके पर ही कर दिया। इनके अलावा भी मुख्यमंत्री ने बैठक में उपस्थित मनोनित सदस्यों द्वारा उठाई गई जनहित की समस्याओं को भी सुना और उनके समाधान के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।

बैठक में गांव खंडेवला में खेल से सम्बंधित एक समस्या आने पर जिला खेल अधिकारी के बारे में पूछा गया, लेकिन वह बैठक में बिना किसी सूचना के अनुपस्थित पाए गए, जिसे गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने तत्काल उनके निलंबन के आदेश कर दिए। बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष गुरुग्राम के सुशांत लोक-एक, दो और तीन, पालम विहार, साउथ सिटी-एक और दो, मालिबु टाउन, आरडी सिटी, मेफिल्ड गार्डन, उप्पल साउथेंड, सनसिटी, विपुल वर्ल्ड, सरस्वती कुंज सहित 16 निजी डेवलपर कॉलोनियों में डेवलपर द्वारा छोड़ी गई इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी की वजह से उपभोक्ताओं को स्थाई और अस्थाई बिजली कनेक्शन देना बंद करने का मामला उठाया गया। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे उपभोक्ताओं के लिए तीन तरह की ग्रुपिंग कर नई नीति बनाई जा रही है ताकि इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को राहत पहुंचाई जा सके।

उन्होंने कहा कि जिन उपभोक्ताओं ने ईडीसी का सारा पैसा डेवल्पर के पास जमा करा दिया है, वह पैसा डेवेल्पर से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी को दूर किया जाएगा और उपभोक्ताओं को कनेक्शन जारी किए जाएंगे। इसके अलावा, जिन उपभोक्ताओं का ईडीसी का पैसा लम्बित है उनसे वह राशि भराकर इंफ्रास्ट्रक्चर को पूरा करके कनेक्शन दिए जाएंगे।

इसी प्रकार, डीएलएफ फेज-3 में बिजली, पानी, सड़क आदि इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी को लेकर रखी गई शिकायत का निपटारा करते हुए मुख्यमंत्री ने डीएलएफ के प्रतिनिधि से कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी को दूर करके 31 दिसंबर को यह कॉलोनी नगर निगम को हैंडओवर कर दें। उसके बाद नगर निगम अगले 15 दिन में डैफिसिट इन्फ्रास्ट्रक्चर का सर्वे करवाएगा और कहीं कमी पाई जाती है तो उसका एस्टिमेट बनाकर डीएलएफ को देगा। एस्टिमेट के अनुसार डीएलएफ को धनराशि जमा करवानी पड़ेगी जिससे उस कमी को निगम दूर करेगा। इसी तर्ज पर गुरुग्राम की 14 अन्य कॉलोनियों में कार्यवाही की जाएगी।

रमेश2037वार्ता

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