नयी दिल्ली 21 जनवरी (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज विश्वास जताया कि उच्चतम न्यायालय में जो विवाद पैदा हुआ है, वह उसे खुद सुलझा लेगा और कहा कि सरकार तथा राजनीतिक दलों को इसमें नहीं पड़ना चाहिए।
श्री मोदी ने यहां समाचार चैनल ‘टाइम्स नाऊ’ के साथ साक्षात्कार में यह बात कही। उन्होंने इस विवाद पर पहली बार टिप्पणी की है। उच्चतम न्यायालय के चार वरिष्ठ न्यायाधीशों के संवाददाता सम्मेलन में न्यायालय प्रशासन में ठीक से काम न होने का आरोप लगाये जाने से पैदा हुए विवाद के बारे में पूछे जाने पर प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं मानता हूं कि मुझे इस पूरे विवाद से खुद को दूर रखना चाहिए। सरकार को भी इससे दूर रहना चाहिए। देश के राजनीतिक दलों को भी दूर रहना चाहिए।”
श्री माेदी ने कहा कि देश की न्यायपालिका में बैठे लोग बहुत सक्षम है और वे एक साथ मिलकर अपनी समस्या का समाधान कर लेंगे। उन्होंने कहा, “हमारे देश की न्यायपालिका का बहुत ही उज्जवल इतिहास है। वे बहुत ही सक्षम लोग हैं। वे मिल बैठकर अपनी समस्या को समझेंगे और समाधान करेंगे। मुझे हमारी न्याय प्रणाली पर भरोसा है। वे जरूर कोई न कोई रास्ता निकालेंगे।”
न्यायमूर्ति जस्ती चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ ने 12 जनवरी को संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर आरोप लगाया कि देश की सर्वोच्च अदालत की कार्यप्रणाली में प्रशासनिक व्यवस्थाओं का पालन नहीं किया जा रहा है और मुख्य न्यायाधीश द्वारा न्यायिक पीठों को सुनवाई के लिये मुकदमे मनमाने ढंग से आवंटित करने से न्यायपालिका की विश्वसनीयता पर दाग लग रहा है। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा को इसके लिये सीधे जिम्मेदार ठहराया।
उनियाल, यामिनी
वार्ता