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कुम्भ में श्रद्धालुओं को स्नान के लिए झूंसी में नये घाट का पूजन

कुम्भ में श्रद्धालुओं को स्नान के लिए झूंसी में नये घाट का पूजन

प्रयागराज, 09 जनवरी (वार्ता) दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक पर्व कुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ के मद्देनजर साधु-महात्माओं ने गंगा पार झूंसी में बुधवार को एक नए घाट का उद्घाटन करते हुए पूजन आरती की।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने इस अवसर पर कहा कि इसे संगम का दूसरा हिस्सा कह सकते हैं। कुम्भ में स्नान के दौरान सभी श्रद्धालु संगम में स्नान की इच्छा से आते हैं। जो श्रद्धालु झूंसी क्षेत्र का है वह यहां स्नान कर सकता है। गंगा और यमुना के मिलन को संगम कहा गया है और वही जल यहां से गुजरता है इसलिए इसे संगम का दूसरा हिस्सा कह सकते हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही दिव्य और भव्य कुम्भ के दौरान देश-विदेश से करीब 12 से 14 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद व्यक्त कर चुके हैं। ऐसे में हर व्यक्ति संगम नोज पर ही स्नान करना चाहेगा तो जिला प्रशासन के लिए समस्या खड़ी हो सकती है। इसलिए इस श्रद्धालुओं की भीड़ को कम करने के लिए नए घाट पर भी गंगा में आस्था की डुबकी लगायेंगे। झूंसी से संगम नोज जाने के लिए लम्बा रास्ता तय करना पडेगा जो सभी श्रद्धालुओं के लिए के लिए संभव नहीं होगा।

इस अवसर पर स्वामी वासुदेवानंद ने सभी आखाड़ो के साथ संगम पर मेला सकुशल संपन्न हो इसलिए गंगा जी की पूजन-आरती की। पूजा में अखाड़ा परिषद के महंत नरेन्द्र गिरी, महामंत्री और जूना अखाडे के मुख्य संरक्षक हरि गिरी महराज,अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष महंत प्रेम गिरी, मंत्री नारायण गिरी और तीनो अनी अखाड़ो श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा, श्री पंच निर्वाणी अनी और श्री पंच दिगम्बर अनी अखाड़े के प्रमुख क्रमश: श्री महंत राजेन्द्र दास, महंत धर्मदास और महंत राम किशोर दास जी महराज समेत सभी आखाड़ो एवं प्रशासन के पदाधिकारी और संत-महात्मा उपस्थित रहे। पूजन के बाद साधु महात्मा समेत मेला प्रशासन के अधिकारियों ने संगम का आचमन लिया।

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