Saturday, Apr 20 2024 | Time 14:32 Hrs(IST)
image
फीचर्स


बुंदेलखंड में लेमन घास उगाकर सुधारी जायेगी गरीब किसानों की माली हालत

बुंदेलखंड में लेमन घास उगाकर सुधारी जायेगी गरीब किसानों की माली हालत

हमीरपुर 04 दिसम्बर(वार्ता) उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में किसानों को गरीबी से उबारने के लिये जिला प्रशासन ने राष्ट्रीय जैव ऊर्जा बोर्ड की मदद से लेमन घास उगाने की पहल शुरू की है । जिलाधिकारी उदयबीर सिंह यादव ने आज यहां बताया कि बुन्देलखंड में अन्ना पशुअो की समस्या से निबटने तथा किसानों को गरीबी से उबारने के लिये राष्ट्रीय जैव उर्जा विकास बोर्ड की मदद से लेमन घास उगाने पर जाेर दिया जायेगा। उन्होने बताया कि गांव समाज की एक हजार एकड़ भूमि में पशुवाडा एवं लेमन घास उगाकर किया जाएगा। यह प्रयोग बुन्देलखंड में पहली बार किया जा रहा है। यदि यह प्रयोग सफल रहा तो पूरे प्रदेश में इस समस्या से निबटने की एक नजीर कायम होगी। किसानो के हित में बनाया गया यह ढांचा बाद में ग्राम समाज के हवाले कर दिया जाएगा। एक कार्य योजना बनाकर इसे केन्द्र सरकार को भेजा गया है। जिलाधिकारी ने बताया कि बुन्देलखंड में पिछले कई सालो से दैवीय आपदा के कहर से किसान की आर्थिक हालत बेहद खराब हो गयी है। किसानो के लिये सबसे उपयोगी योजना लेमन घास है,जो बुन्देलखंड के किसानो के लिये संजीवनी का काम करेगी। यह घास पहले गांव समाज की भूमि में रोपित की जाएगी। इसके लिये सबसे पहले मौदहा ब्लाक के अतरैया गांव में 170 एकड़ जमीन का का प्रस्ताव कर लिया गया है। गोहांड गांव में 12 एकड़,उमरिया व बहपुर गांव में घास रोपित करने की पूरी योजना बना ली गयी है।


श्री यादव ने दावा किया कि लेमन घास कम पानी में उगाई जाती है । इसे जानवर छूते तक नही हैं, इसके लिये नाम मात्र की सिंचाई की आवश्यकता होती है। घास रोपित होने के तीन महीने बाद इसे काट सकते हैं। इस घास की लाइफ कम से कम पांच साल होती हैै। इस प्रकार इसे 15 बार काटकर किसान बिक्री कर सकता है। इसकी कीमत कम से कम एक हजार रुपये प्रति किलोग्राम बाजार में आंकी गयी है। किसान एक एकड़ खेत में कम से कम 60 हजार रुपये का मुनाफा कमा सकता है। सबसे खास बात यह है कि किसान को लेमन घास उत्पादन कर उसे बिक्री के लिये कहीं भटकना नही पड़ेगा। इसकी बिक्री की जिम्मेदारी जैव उर्जा विकास बोर्ड की होगी। इस घास को खरीदकर बोर्ड बायो डीजल गैस बनाने के काम में लायेगी। इसके लिये बड़े बडे प्लांट स्थापित किये जा रहे हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि लेमन घास प्रदेश के कई जिलो में उगाई जा रही है, लेकिन बुन्देलखंड में भी इसका प्रयोग पहली मर्तवा किया जा रहा है । इस घास को जानवर खाते नही है अौर इससे किसानो को लाभ भी मिलेगा। हालांकि जिलाधिकारी ने अपने बंगले की भूमि में भी नौ एकड़ में लेमन घास उगाने का कार्यक्रम तैयार कर लिया है।


श्री यादव का कहना है कि बाद में सभी किसानो को एक-एक एकड़ जमीन में लेमन ग्रास लगाने के लिये प्रेरित किया जाएगा ताकि उनकी माली हालत में सुधार हो सके। उनका कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि केंद्र सरकार से इस महत्वाकांक्षी योजना के लिये क्लीन चिट मिल जाएगी। वहीं दूसरी ओर चारा न होने से किसानो का पशुधन रखने में असफल साबित हो गया है। किसान अपने पशुओं को छोड देते है जिसे अन्ना पशु कहा जाता है। पशु किसानो की हाडतोड़ मेहनत से उगाई गयी फसले बर्बाद कर देते है । उन्होने बताया कि इसके लिये राष्ट्रीय जैव उर्जा विकास बोर्ड से संपर्क कर गांव समाज की बेकार पड़ी एक हजार एकड़ भूमि में टीन शेड बनाकर चारे की व्यवस्था की जाएगी, जो जानवर पशुबाड़े में रखे जाएंगे उनकी नस्ल सुधार की व्यवस्था करने का भी प्राविधान किया गया है। गौमूत्र से मिलने वाले लाभ का भी प्रयोग किया जाएगा। श्री यादव ने बताया कि इस भूमि में महुवा, नीम, पीपल के पेड़ भी रोपित किये जाएंगे। इससे न केवल वातावरण शुद्ध होगा बल्कि इससे किसानो को काफी लाभ मिलेगा। सं भंडारी प्रदीप वार्ता

There is no row at position 0.
image