लखनऊ 14 मई (वार्ता) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि चुनौती को अवसर में बदलने के लिए कठिन समय में सकारात्मक सोच के साथ प्रयास करने की जरूरत है।
श्री योगी ने गुरूवार को कहा कि एमएसएमई सेक्टर में रोजगार की असीम सम्भावनायें हैं। रोजगार की दृष्टि से प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों को इस सेक्टर से जोड़ने के लिए उनकी स्किल मैपिंग का काम निरन्तर जारी रखा जाना चाहिये। महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गये अचार, पापड़ आदि की कम्युनिटी किचन में आपूर्ति की जानी चाहिये। इससे समूहों के उत्पाद की सुनिश्चित बिक्री को प्रोत्साहन मिलेगा।
उन्होंने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य के लिए मास्क और अंगौछे आवश्यक हैं। कोरोना संकट के समय में इनकी मांग भी अधिक है। इसके मद्देनजर महिला स्वयं सहायता समूहों को मास्क तथा अंगौछा तैयार करने के कार्यों से जोड़ते हुए समूहों की आय में वृद्धि की जा सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों की सुरक्षित एवं सम्मानजनक ढंग से वापसी कराई जाये। यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी प्रवासी कामगार एवं श्रमिक पैदल, दोपहिया वाहन आदि किसी भी असुरक्षित साधन से यात्रा न करें। इन्हें बस, ट्रेन जैसे सुरक्षित साधनों से पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। गृह जिले में क्वारंटीन सेन्टर पर प्रवासी कामगार एवं श्रमिक की थर्मल स्कैनिंग की जाए जबकि संदिग्ध श्रमिक की पूल टेस्टिंग के माध्यम से मेडिकल जांच की जाए। जो बिल्कुल स्वस्थ हों, उन्हें राशन किट उपलब्ध कराते हुए होम क्वारंटीन के लिए सुरक्षित घर पहुंचाया जाए। होम क्वारंटीन के दौरान उन्हें 1,000 रुपए का भरण-पोषण भत्ता भी उपलब्ध कराया जाए।
श्री योगी ने कहा कि लोग मास्क/फेस कवर लगाकर ही बाहर निकलें। लाॅकडाउन के दौरान सप्लाई चेन के सुचारू संचालन से लोगों को आवश्यक सामग्री सुगमतापूर्वक प्राप्त हो रही हैं। सुनिश्चित किया जाए कि यह व्यवस्था इसी प्रकार प्रभावी ढंग से जारी रहे। सभी जनपदों में पर्याप्त संख्या में थर्मल स्कैनर/अल्ट्रारेड थर्मामीटर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि करते हुए इसे इस सप्ताह के अन्त तक 10,000 कोरोना से सम्बंधित टेस्ट प्रतिदिन किया जाए। सभी वेन्टीलेटरों को क्रियाशील रखा जाए। अधिक से अधिक चिकित्सा कर्मियों को वेन्टीलेटर संचालन की ट्रेनिंग दी जाए। स्वास्थ्य विभाग के प्रोटोकाॅल के अनुरूप इमरजेंसी मेडिकल सेवाओं का संचालन कराया जाए। इसके लिए जरूरी है कि नर्सिंग होम व निजी अस्पतालों सहित सभी चिकित्सालयों में पी0पी0ई0 किट, एन-95 मास्क तथा सेनिटाइजर की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहे।
प्रदीप
वार्ता