भारतPosted at: Oct 14 2021 8:41PM शीरा से बना पोटाश पोषक तत्व एनबीएस मेंं शामिल
नयी दिल्ली 14 अक्टूबर (वार्ता) केन्द्र सरकार ने पोटाश के आयात में कमी लाने के उद्देश्य से चीनी मिलों के सह-उत्पाद शीरा से प्राप्त पोटाश (पीडीएम) के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) योजना में पहली बार शामिल किया है।
सरकार के इस कदम से 42 लाख टन से अधिक खनिज आधारित पोटाश यानी एमओपी के 100 प्रतिशत आयात पर देश की निर्भरता कम होने की उम्मीद है, जिसकी लागत लगभग 7,160 करोड़ रुपए सालाना है। इस निर्णय से न केवल गन्ना उत्पादकों और चीनी मिलों की आय में सुधार होगा, बल्कि उर्वरक कंपनियों द्वारा किसानों को 600-800 रुपये की दर से बेचे जा रहे 50 किलोग्राम के एक बैग पर 73 रुपए की सब्सिडी भी उपलब्ध हो सकेगी।
उम्मीद है कि केन्द्र सरकार पीडीएम पर सब्सिडी के रूप में सालाना लगभग 156 करोड़ रुपये खर्च करेगी और 562 करोड़ रुपये मूल्य की विदेशी मुद्रा की बचत करेगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने 20 मई की अधिसूचना के तहत फॉस्फेटिक और पोटासिक (पीएंडके) उर्वरकों की बढ़ी हुई कीमतों को वर्ष 2021-22 के लिए लागू करने को अपनी मंजूरी दे दी है।
केन्द्र सरकार ने डाय अमोनिया फॉस्फेट (डीएपी) की बढ़ी हुई अंतरराष्ट्रीय कीमतों को समाहित कर लिया है। एक विशेष एकमुश्त पैकेज के रूप में प्रति बैग डीएपी की सब्सिडी को 438 रुपए बढ़ाने का निर्णय लिया, ताकि किसानों को पहले की कीमत पर डीएपी मिल सके।
अरुण सत्या
वार्ता