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प्रयागराज में कड़कती ठंड़ पर आस्था भारी, शुरू हुआ कुम्भ का स्नान

प्रयागराज में कड़कती ठंड़ पर आस्था भारी, शुरू हुआ कुम्भ का स्नान

कुम्भनगर ,15 जनवरी (वार्ता) उत्तर प्रदेश के तीर्थराज प्रयाग में मकर संक्रांति के पहले शाही स्नान के साथ ही कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मंगलवार तड़के कुम्भ शुरू हो गया।

गंगा,यमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी में कड़कती ठंड पर श्रद्धालुओं की आस्था भारी पड़ी। श्रद्धालुओं ने मध्यरात्रि के बाद से ही संगम में स्नान शुरु कर दिया। नाग संन्यासियों का शाही स्नान निर्धारित समय भोर 5.15 से शुरु हो गया ।

मेला प्रशासन ने बताया कि सुबह 7 बजे तक 16 लाख श्रद्धालुओ ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई। निरंजनी अखाड़े की नवनियुक्त महामंडलेस्वर केंद्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने भी अखाड़ा के साधु-महात्माओं के काफिले संग स्नान किया।

दिव्य और भव्य कुम्भ का पहला मुख्य स्नान पर्व मकर संक्रांति मंगलवार को ब्रह्ममुहूर्त से शुरू हो गया। पुण्य की कामना में त्रिवेणी के संगम पर लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। संक्रांति की प्रतीक्षा अंत:करण को शुद्ध करने के विविध मंत्रों से तट गुंजायमान हो रहे हैं। श्रद्धालु डुबकी मारने के बाद “हर-हर महादेव और जय गंगे और हर-हर गंगे के उच्चारण निर्वाध गति से चल रहे हैं।

आमतौर पर मकरसंक्रांति हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है, लेकिन 2019 में सूर्य के मकर राशि में बिलम्ब से जाने की वजह से स्नान पर्व 15 जनवरी को मनाया जा रहा है। मकर संक्रांति के दिन पूजा-पाठ और स्नान-दान का काफी महत्व होता है। श्रद्धालु स्नान करने के बाद घाट पर बैठे पंडो को चावल, मूंग दाल, नमक, हल्दी का दान कर रहे है। कुछ श्रद्धालु तो कपड़े भी गरीबों में बांटते दिखे।

संगम किनारे रेती पर आस्था, भक्ति और आध्यात्मक का अद्भुत संसार बस चुका है। लघु भारत को अपने में समेटे कुम्भ क्षेत्र में अखाड़ों में आध्यात्म की बयार बह रही है। प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती तीनों के संगम स्थल पर नागा साधुओं और फिर अन्य अखाड़ों के साधु एवं संतों के शाही स्नान के बाद श्रद्धालुओं का संगम तट पर डुबकी लगाने का सिलसिला जारी है। कुम्भ मेले के पहले शाही स्नान पर सभी श्रद्धालु एक दूसरे को बधाई देते नजर आये ।

तीर्थराज प्रयाग में संगमतट पर कुंभ का महापर्व शुरू हो गया। ठंड के बाद भी दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन की गर्मी का जोश प्रयागराज के पग-पग पर अपने रंग में नजर आने लगा है। सुबह शुरू हुआ शाही स्नान पूरे दिन जारी रहेगा। सुबह सबसे पहले, 6.05 बजे महानिर्वाणी के साधु-संत पूरे लाव-लश्कर के साथ शाही स्नान को संगम तट पर पहुंचे। इसके साथ अखाड़ों के स्नान का क्रम प्रारंभ हुआ। सभी अखाड़ों को बारी-बारी से स्नान के लिए 30 मिनट से 45 मिनट तक का समय दिया गया है।

साधु-संतों के साथ आम श्रद्धालु भी संगम सहित अलग-अलग घाटों पर आधी रात से स्नान कर रहे हैं। कड़ी सुरक्षा के बीच घाटों पर नहाने और पूजा पाठ का सिलसिला जारी है। पारा 10 डिग्री सेल्सियस से भी कम होने के बाद भी बड़ी तादाद में लोग डुबकी लगा रहे हैं।

राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) आनंद कुमार के अनुसार कुम्भ सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। कुम्भ मेलाक्षेत्र के प्रमुख प्रवेश द्वारों पर बैरियर लगाकर गहन चेकिंग की जा रही है। साथ ही वाहनों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई। सुरक्षा के लिए पुलिस के अलावा पैरामिलिट्री और सेना के अधिकारी भी मौजूद हैं। श्री अानंद के अनुसार मेला क्षेत्र में पुलिस, खोजी कुत्ते और बीडीएस की मदद से पूरे क्षेत्र में गहन चेकिंग की गई। संगम नोज पर रात में भी गहन चेकिंग की गई। कुम्भ क्षेत्र के बाहर, बैरहना, जीटी जवाहर चौराहा, दारागंज बक्शीबांध, झूंसी, अरैल, फाफामऊ में बैरिकेडिंग लगाकर चेकिंग की गई। कुम्भ में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए प्रयागराज की सीमाओं पर भी अलर्ट कर दिया गया।

इस बीच अपर पुलिस महनिदेशक प्रयागराज जोन एसएन साबत ने बताया कि सुरक्षा के मद्देनजर आपातकालीन प्रबंधन को लेकर भी टीम सक्रिय हैं। ब्लैक कमांडों भी मेला क्षेत्र में लगे हैं। आपातकालीन स्थिति के लिए पुलिस और सेना की क्यूआरटी टीमें बनाई गई हैं।

उन्होंने बाया कि कुम्भ के शुरु होने के पहले ही एनडीआरएफ के पुलिस महानिदेशक जी रवि जोसफ लुक्कू प्रयागराज पहुंच गये हैं। उन्होंने एनडीआरएफ की टीम से मिलकर सभी तैयारियों की समीक्षा भी की। पहले शाही स्नान पर दौरान जल मार्ग से लेकर आपातप्रबंधन में एनडीआरएफ की कुल 12 टीमें लगी है।

श्री साबत ने बताया ने बताया कि कुम्भ में पीएसी की अहम भूमिका है । उन्होंने बताया कि मेला सुरक्षा के लिए 20 हजार पुलिसकर्मी तैनात किए गये हैं । इनके अलावा पैरामिलिट्री की 40 कंपनी, पीएसी की 20 कंपनी, एनडीआरएफ की 10 कंपनी, एसडीआरएफ की एक कंपनी, एसटीएफ की एक यूनिट,एटीएस की एक यूनिट के अलावा एनएसजी कर एक स्पेशल टीम के साथ पांच बम निरोधक दस्ते और 15 टीमें खोजी कुत्ताें की लगाई गई है ।

उन्होंने बताया कि पूरे मेला क्षेत्र में 40 थाने और 58 पुलिस चौकियां बनाई गई हैं । पुलिस के अलावा पैरामिलिट्री फोर्स, जल पुलिस के जवान, क्राइम ब्रांच समेत हजारों जवान संगम पर तैनात हैं ।




 

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