पेरिस 30 अगस्त (वार्ता) भारतीय धाविका प्रीति पाल ने शुक्रवार को पेरिस पैरालंपिक 2024 खेलों में शानदार प्रदर्शन करते हुए महिलाओं की 100 मीटर टी 35 दौड़ में कांस्य पदक जीत लिया। प्रीति 200 मीटर टी35 में भी पदक के लिए फिर दौड़ेगी।
पेरिस में आज दोपहर में हुई बारिश के कारण स्टेड डी फ्रांस का ट्रैक में नमी थी लेकिन प्रीति पर इसका कोई प्रभाव नहीं दिखा। प्रीति ने कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 100 मीटर की टी-35 दौड़ 14.21 सेकंड में पूरी कर कांस्य पदक अपने नाम किया। इसी के साथ ही वह पैरालिंपिक में 100 मीटर में पदक जीतने वाली पहली भारतीय पैरा-एथलीट बन गईं हैं।
राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप (2024) की स्वर्ण पदक विजेता प्रीति पाल ने पैरालंपिक में भारत के लिए तीसरा पदक जीता है।
प्रीति ने पहली बार पैरालंपिक में स्पर्धा में भाग ले रही थी। उनका पैरालंपिक में यह पहला पदक है।
स्टेड डी फ्रांस में अपनी ऐतिहासिक दौड़ के बाद मीडिया से बातचीत में प्रीति ने कहा,“ मुझे यकीन ही नहीं हो रहा है कि मैंने देश के लिए पदक जीता है। उन्होंने कहा यह मेरा पहला पैरालंपिक था और यह मेरा पहला पदक है। उन्होंने अपने परिवार, साथियों और संबंधियों को समर्थन और सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।”
उन्होंने कहा, “पेरिस आने से पहले, मुझे पूरी दुनिया की तरह पदक जीतने की उम्मीद थी - मुझे कांस्य पदक मिला, इसलिए मैंने सोचा कि मैं इन पैरालंपिक में ऐसा कर सकती हूं।”
उन्होंने कहा, “अब मुझे 200 मीटर में पदक जीतने की उम्मीद है।”
उन्होंने कहा, “मैं (अब) कई बेहतरीन और अनुभवी पैरा एथलीटों के साथ प्रशिक्षण ले रही हूं। 2022 में एशियाई पैरा खेलों में मैं चौथे स्थान पर थी, लेकिन दो साल बाद मैंने पैरालंपिक पदक जीता।”
उन्होंने कहा, “इस कदम ने एक धावक के रूप में मुझमें बहुत सुधार किया है, पौष्टिक भोजन और अन्य चीजों के बारे में सीखा है।”
प्रीति महिलाओं की 200 मीटर टी35 वर्ग में प्रतिस्पर्धा करेंगी, जिसका फाइनल रविवार को होना है।
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर की प्रीति (23) को कम उम्र में ही सेरेब्रल पाल्सी का पता चला था। उन्होंने बुलंद हौसले के साथ शुरुआत में मेरठ में प्रशिक्षण लिया और फिर सिंथेटिक ट्रैक पर प्रशिक्षण लेने के लिए नयी दिल्ली चली गईं और इससे उनके जीवन में बहुत बड़ा बदलाव आया।
राम
वार्ता