नयी दिल्ली, 05 अप्रैल (वार्ता) पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुड्डुचेरी में छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं तथा मतदान को लेकर उल्टी गिनती शुरू हो गयी है।
इन राज्याें में जिन सीटों पर कल मतदान होगा, वहां चुनाव प्रचार रविवार शाम थम गया था।
बंगाल में तीसरे चरण के लिए 31 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होगा। असम में तीसरे और अंतिम चरण के लिए 40 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा।
तमिलनाडु की 232, केरल की 140 और केंद्र शासित प्रदेश पुड्डुचेरी की 30 सीटों के लिए भी चुनाव छह अप्रैल को ही होगा। इन तीनों राज्यों में एक ही चरण में मतदान होगा जबकि बंगाल में आठ चरणों में तथा असम में तीसरे और अंतिम चरण का मतदान होगा।
बंगाल विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में तीन जिलों हावड़ा, हुगली और दक्षिण 24 परगना की 31 सीटों पर कुल 205 प्रत्याशी मैदान में हैं। इन सीटों पर मंगलवार की सुबह मतदान शुरू होगा। इस चरण के लिए गत 12 मार्च को अधिसूचना जारी की गयी थी। तीसरे चरण के मतदान में दक्षिण 24 परगना जिले की 16 सीटों, हुगली की आठ तथा हावड़ा की सात सीटें शामिल हैं।
बंगाल में पिछले विधानसभा चुनाव में इन 31 सीटों में से 30 पर तृणमूल कांग्रेस जीती थी। सिर्फ आमता सीट पर कांग्रेस की जीत हुई थी, हालांकि इस बार मुकाबला कड़ा है। भारतीय जनता पार्टी, तृणमूल के लिए बड़ी प्रतिद्वंद्वी के तौर पर उभरी है। तीसरे चरण में कुल 78,52,425 मतदाता 10,871 बूथों पर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। तीसरे चरण में केंद्रीय बलों की सबसे ज्यादा तैनाती दक्षिण 24 परगना जिले में की जाएगी जहां की कई विधानसभा सीटें बेहद संवेदनशील मानी गयी हैं।
तमिलनाडु में सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक के साथ गठबंधन कर भाजपा चुनाव लड़ रही है जबकि प्रमुख विपक्षी द्रमुक के साथ मिलकर कांग्रेस चुनाव लड़ रही है। क्षेत्रीय पार्टियों के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रहीं राष्ट्रीय पार्टियों के लिए इस राज्य का चुनाव भी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ है।
वर्ष 2016 विधानसभा चुनाव में तृणमूल ने सबसे ज्यादा 211 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी जबकि कांग्रेस ने 44, वाम मोर्चा ने 26 और भाजपा ने मात्र तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी। निर्दलीय एवं अन्य ने 10 सीटों पर जीत हासिल की थी। यहां बहुमत के लिए 148 सीटें चाहिए।
असम में 126 विधानसभा सीटें हैं। पिछले चुनाव में भाजपा 89 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 60 सीटें जीती थीं। असम गण परिषद ने 30 सीटों पर चुनाव लड़कर 14 सीटें और बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट ने 13 सीटों पर चुनाव लड़कर 12 जीती थीं। कांग्रेस ने 122 सीटों पर चुनाव लड़ा था और सिर्फ 26 सीटों पर कब्जा किया था। यहां बहुमत के लिए 64 सीटें चाहिए।
तमिलनाडु में विधानसभा की 234 सीटें हैं। पिछले चुनाव में अन्नाद्रमुक ने 136 और मुख्य विपक्षी पार्टी द्रमुक ने 89 सीटें जीती थीं। यहां बहुमत के लिए 118 सीटें चाहिए।
पुड्डुचेरी एक केंद्र शासित प्रदेश है और यहां विधानसभा की कुल 30 सीटें हैं। कुछ दिन पहले ही यहां वी नारायणसामी नीत कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन की सरकार गिर गई थी। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने 21 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 15 सीटें जीती थीं। ऑल इंडिया एन आर कांग्रेस ने 30 सीटों पर चुनाव लड़कर सिर्फ आठ सीटें जीती थीं। निर्दलीय एवं अन्य के खातों में सात सीटें गई। यहां बहुमत के लिए 16 सीटें चाहिए।
केरल में विधानसभा की 140 सीटें हैं। वर्तमान में यहां मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी नेता पिनारायी विजयन के नेतृत्व वाले वाम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) की सरकार है। पिछले चुनाव में एलडीएफ को 91 और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) को 47 सीटें मिली थीं। यहां बहुमत के लिए 71 सीटें चाहिए।
गौरतलब है कि चारों राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेश पुड्डुचेरी में एक साथ दो मई को वाेटों की गिनती की जाएगी।
संजय.श्रवण
वार्ता