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उप्र में लगाया जाय राष्ट्रपति शासन: अखिलेश

उप्र में लगाया जाय राष्ट्रपति शासन: अखिलेश

लखनऊ, 24 जुलाई(वार्ता) समाजवादी पार्टी(सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में अपराधों की बढ़ोत्तरी ही भारतीय जनता पार्टी( भाजपा) शासन की एक मात्र उपलब्धि बताते हुए कहा कि राज्य में संवैधानिक संकट के कारण राष्ट्रपति शासन लगना आवश्यक हो गया है।

श्री यादव ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा कि उत्तर प्रदेश में अपराधियों का खूनी खेल जारी है। सत्ता संरक्षित अवांछित समाज विरोधी तत्वों को किसी का डर नहीं है। कोई दिन ऐसा नहीं जाता जब राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के विभिन्न जिलों से हत्या, लूट, अपहरण, दुष्कर्म की घटनाओं की सूचनाएं न आती हों। प्रदेश में कानून का राज नहीं रह गया है। राज्य में संवैधानिक संकट के कारण राष्ट्रपति शा सन लगना आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े तीन वर्षों में प्रदेश में अपराधों की बढ़ोत्तरी ही भाजपा शासन की एक मात्र उपलब्धि रही है। माफियाओं, गुंडो की साठगांठ सत्तारूढ़ दल के नेताओं से है, पुलिस भी उनसे अपनी भागीदारी निभाती है। अभी कानपुर नगर के बिकरू गांव में जो भयानक काण्ड हुआ उससे तो इसी तथ्य की पुष्टि होती है। संजीत यादव के अपहरण के बाद फिरौती की रकम 30 लाख रूपए भी बदमाश पुलिस के सामने से ही लेकर फरार हो गए। खाकी के लिए क्या यह शर्म की बात नहीं है।

श्री यादव ने कहा कि कानपुर में 22 जून को अपहृत युवक संजीत यादव की हत्या समूची कानून व्यवस्था की हत्या है। अभी तक उसका शव बरामद न हो पाना पुलिस की अकर्मण्यता और घोर लापरवाही का नतीजा है। अपने इकलौते पुत्र को खोने वाले पीड़ित परिवार में संजीत की मां श्रीमती सुषमा को समाजवादी पार्टी की ओर से पांच लाख रूपए की आर्थिक मदद दी गई।

उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की मांग है कि राज्य सरकार को पीड़ित परिवार को 50 लाख रूपए की मदद करनी चाहिए।

श्री यादव ने कहा कि पुलिस मुख्यालय और यूपी डायल 100 पुलिस व्यवस्था समाजवादी सरकार में की गई थी। भाजपा सरकार ने इस सबको चौपट कर दिया है। भाजपा सरकार में किसी का भी जीवन सुरक्षित नहीं है। मुख्यमंत्री के नियंत्रण में अब प्रशासन नहीं रह गया है। खाकी पर अपराधी हावी हो गए हैं।

भंडारी

वार्ता

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