नयी दिल्ली, 30 दिसम्बर (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में खिलाड़ी बेटियों के प्रदर्शन को सराहते हुए कहा कि उनकी उपलब्धियों से प्रेरणा मिलती है।
श्री मोदी ने रेडियो पर प्रसारित अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 51वीं कड़ी में रविवार को कहा,
“हर समाज में खेल-कूद का अपना महत्व होता है। जब खेल खेले जाते हैं तो देखने वालों का मन भी ऊर्जा से भर जाता है। खिलाड़ियों को नाम, पहचान, सम्मान बहुत सी चीज़ें हम अनुभव करते हैं। लेकिन, कभी-कभी इसके पीछे की बहुत-सी बातें ऐसी होती हैं जो खेल-विश्व से भी बहुत बढ़ करके होती है, बहुत बड़ी होती है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं कश्मीर की एक बेटी हनाया निसार के बारे में बताना चाहता हूं जिसने कोरिया में कराटे चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। हनाया 12 साल की है और कश्मीर के अनंतनाग में रहती है। हनाया ने मेहनत और लगन से कराटे का अभ्यास किया, उसकी बारीकियों को जाना और खुद को साबित करके दिखाया। मैं सभी देशवासियों की ओर से उसके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं। हनाया को ढ़ेर सारी शुभकामनाएँ और आशीर्वाद।”
श्री मोदी एक युवा मुक्केबाज का जिक्र करते हुए कहा, “16 साल की एक बेटी रजनी के बारे में मीडिया में बहुत चर्चा हुई है। आपने भी जरुर पढ़ा होगा। रजनी ने जूनियर महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है। जैसे ही रजनी ने पदक जीता वह तुरंत पास के एक दूध के स्टाल पर गई और एक गिलास दूध पिया। इसके बाद रजनी ने अपने पदक को एक कपड़े में लपेटा और बैग में रख लिया।”
उन्होंने कहा, “अब आप सोच रहे होंगे कि रजनी ने एक गिलास दूध क्यों पिया? उसने ऐसा अपने पिता जसमेर सिंह जी के सम्मान में किया, जो पानीपत के एक स्टाल पर लस्सी बेचते हैं। रजनी ने बताया कि उनके पिता ने उसे यहां तक पहुंचाने में बहुत त्याग किया है, बहुत कष्ट झेले हैं। जसमेर सिंह हर सुबह रजनी और उनके भाई-बहनों के उठने से पहले ही काम पर चले जाते थे। रजनी ने जब अपने पिता से बॉक्सिंग सीखने की इच्छा जताई तो पिता ने सभी संभव साधन जुटा कर उसका हौसला बढ़ाया।”