Saturday, Apr 20 2024 | Time 12:31 Hrs(IST)
image
मनोरंजन


बॉलीवुड के इकलौत ‘प्रिंस’ थे राजकुमार

बॉलीवुड के इकलौत ‘प्रिंस’ थे राजकुमार

.. पुण्यतिथि 3 जुलाई के अवसर पर ..

मुंबई 02 जुलाई (वार्ता) हिन्दी सिनेमा जगत में यूं तो अपने दमदार अभिनय से कई सितारों ने दर्शकों के दिलों पर राज किया लेकिन एक ऐसा भी सितारा हुआ जिसने न सिर्फ दर्शकों के दिल पर राज किया बल्कि फिल्म इंडस्ट्री ने भी उन्हें ‘प्रिंस’ माना, वह थे संवाद अदायगी के बेताज बादशाह कुलभूषण पंडित उर्फ राजकुमार।

      पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में आठ अक्टूबर 1926 को जन्में राजकुमार ने स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह मुंबई के माहिम पुलिस स्टेशन में सब इंस्पेक्टर के रूप में काम करने लगे। एक दिन रात्रि गश्त के दौरान एक सिपाही ने राजकुमार से कहा ‘हजूर आप रंग, ढंग और कद-काठी में किसी हीरो से कम नहीं है। फिल्मों में यदि आप हीरो बन जायें तो लाखो दिलों में राज कर सकते हैं।’ राजकुमार को सिपाही की यह बात जंच गयी।

      राजकुमार मुंबई के जिस थाने मे कार्यरत थे वहां अक्सर फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों का आना-जाना लगा रहता था। एक बार पुलिस स्टेशन में फिल्म निर्माता बलदेव दुबे कुछ जरूरी काम के लिये आये हुये थे। वह राजकुमार के बातचीत करने के अंदाज से काफी प्रभावित हुये और उन्होंने राजकुमार से अपनी फिल्म ‘शाही बाजार’ में अभिनेता के रूप में काम करने की पेशकश की। राजकुमार सिपाही की बात सुनकर पहले ही अभिनेता बनने का मन बना चुके थे इसलिये उन्होंने तुरंत ही अपनी सब इंस्पेक्टर की नौकरी से इस्तीफा दे दिया और निर्माता की पेशकश स्वीकार कर ली।

       शाही बाजार को बनने में काफी समय लग गया और राजकुमार को अपना जीवन यापन करना भी मुश्किल हो गया। इसलिए उन्होंने वर्ष 1952 में प्रदर्शित फिल्म ‘रंगीली’ में एक छोटी सी भूमिका स्वीकार कर ली। यह फिल्म सिनेमा घरों में कब लगी और कब चली गयी यह पता ही नहीं चला। इस बीच उनकी फिल्म ‘शाही बाजार’ भी प्रदर्शित हुई जो बाक्स आफिस पर औंधे मुंह गिरी। ‘शाही बाजार’ की असफलता के बाद राजकुमार के तमाम रिश्तेदार यह कहने लगे कि तुम्हारा चेहरा फिल्म के लिये उपयुक्त नहीं है वहीं कुछ लोग कहने लगे कि तुम खलनायक बन सकते हो। वर्ष 1952 से 1957 तक राजकुमार फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिये संघर्ष करते रहे।


        ‘रंगीली’ के बाद उन्हें जो भी भूमिका मिली राजकुमार उसे स्वीकार करते चले गये। इस बीच उन्होंने ‘अनमोल सहारा’, ‘अवसर’, ‘घमंड’, ‘नीलमणि’ और ‘कृष्ण-सुदामा’ जैसी कई फिल्मों में अभिनय किया लेकिन इनमें से कोई भी

फिल्म बॉक्स आफिस पर सफल नहीं हुयी।

      महबूब खान की वर्ष 1957 में प्रदर्शित फिल्म ‘मदर इंडिया’ में राजकुमार गांव के एक किसान की छोटी सी भूमिका में दिखाई दिये। यह फिल्म हालांकि पूरी तरह अभिनेत्री नर्गिस पर केन्द्रित थी फिर भी वह अपने अभिनय की छाप छोड़ने में कामयाब रहे। इस फिल्म में उनके दमदार अभिनय के लिए उन्हें अंतर्राष्ट्रीय ख्याति भी मिली और फिल्म की सफलता के बाद वह अभिनेता के रूप में फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित हो गये।

      वर्ष 1959 मे प्रदर्शित फिल्म ‘पैगाम’ में उनके सामने हिन्दी फिल्म जगत के अभिनय सम्राट दिलीप कुमार थे लेकिन राज कुमार ने यहां भी अपनी सशक्त भूमिका के जरिये दर्शकों की वाहवाही लूटने में सफल रहे। इसके बाद ‘दिल अपना और प्रीत पराई’, ‘घराना’, ‘गोदान’, ‘दिल एक मंदिर’ और ‘दूज का चांद’ जैसी फिल्मों में मिली कामयाबी के जरिये वह दर्शकों के बीच अपने अभिनय की धाक जमाते हुए ऐसी स्थिति में पहुंच गये जहां वह अपनी भूमिकाएं स्वयं चुन सकते थे।

       वर्ष 1965 में प्रदर्शित फिल्म ‘काजल’ की जबर्दस्त कामयाबी के बाद राजकुमार ने अभिनेता के रूप में अपनी अलग पहचान बना ली। बी.आर .चोपड़ा की 1965 में प्रदर्शित फिल्म ‘वक्त’ में अपने लाजवाब अभिनय से वह एक बार फिर से दर्शक का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रहे। फिल्म में राजकुमार का बोला गया एक संवाद ‘चिनाय सेठ, जिनके घर शीशे के बने होते हैं वो दूसरो पर पत्थर नहीं फेंका करते’ या ‘चिनाय सेठ, ये छुरी बच्चों के खेलने की चीज नहीं, हाथ कट जाये तो खून निकल आता है’, दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय हुए।

फिल्म ‘वक्त’ की कामयाबी से राजकुमार शोहरत की बुंलदियों पर जा पहुंचे। इसके बाद उन्होंने ‘हमराज’, ‘नीलकमल’, ‘मेरे हुजूर’, ‘हीर-रांझा’ और ‘पाकीजा’ में रूमानी भूमिकाएं भी स्वीकार कीं जो उनके फिल्मी चरित्र से मेल नहीं खाती थीं। इसके बावजूद राजकुमार दर्शकों का दिल जीतने मे सफल रहे। कमाल अमरोही की फिल्म ‘पाकीजा’ पूरी तरह से मीना कुमारी पर केन्द्रित फिल्म थी। इसके बावजूद राजकुमार अपने सशक्त अभिनय से दर्शकों की वाहवाही लूटने में सफल रहे। ‘पाकीजा’ में उनका बोला गया एक संवाद, ‘आपके पांव देखे, बहुत हसीन हैं, इन्हें जमीन पर मत उतारियेगा, मैले हो जायेगें’ इस कदर लोकप्रिय हुआ कि लोग गाहे-बगाहे उनकी आवाज की नकल करने लगे।


वर्ष 1978 में प्रदर्शित फिल्म ‘कर्मयोगी’ में राजकुमार के अभिनय और विविधता के नये आयाम दर्शकों को देखने को मिले। इस फिल्म में उन्होंने दो अलग-अलग भूमिकाओं में अपने अभिनय की छाप छोड़ी। अभिनय में एकरूपता से बचने और स्वयं को चरित्र अभिनेता के रूप मे भी स्थापित करने के लिये उन्होंने स्वयं को विभिन्न भूमिकाओं में पेश किया। इस क्रम में 1980 में प्रदर्शित फिल्म ‘बुलंदी’ में वह चरित्र भूमिका निभाने से भी नहीं हिचके। इस फिल्म में भी उन्होंने दर्शकों का मन मोहे रखा।

     वर्ष 1991 मे प्रदर्शित फिल्म ‘सौदागर’ में राजकुमार के अभिनय के नये आयाम देखने को मिले। सुभाष घई की निर्मित इस फिल्म में राजकुमार वर्ष 1959 मे प्रदर्शित फिल्म ‘पैगाम’ के बाद दूसरी बार दिलीप कुमार के सामने थे और अभिनय की दुनिया के इन दोनों महारथियों का टकराव देखने लायक था। नब्बे के दशक में राजकुमार ने फिल्मों में काम करना काफी कम कर दिया। इस दौरान उनकी ‘तिरंगा’, ‘पुलिस और मुजिरम’, ‘इंसानियत के देवता’, ‘बेताज बादशाह’, ‘जवाब’, ‘गाड’ और ‘गन’ जैसी फिल्में प्रदर्शित हुयीं।

नितांत अकेले रहने वाले राजकुमार ने शायद यह महसूस कर लिया था कि मौत उनके काफी करीब है इसलिए अपने पुत्र पुरू राजकुमार को उन्होंने अपने पास बुला लिया और कहा, “देखो मौत और जिंदगी इंसान का निजी मामला

होता है। मेरी मौत के बारे में मेरे मित्र चेतन आनंद के अलावा और किसी को नहीं बताना। मेरा अंतिम संस्कार करने के बाद ही फिल्म उद्योग को सूचित करना।” अपने संजीदा अभिनय से लगभग चार दशक तक दर्शकों के दिलों पर राज करने वाले महान अभिनेता राजकुमार तीन जुलाई 1996 को इस दुनिया को अलविदा कह गये।



वार्ता

More News
सिंघम अगेन का नया पोस्टर रिलीज

सिंघम अगेन का नया पोस्टर रिलीज

20 Apr 2024 | 10:22 AM

मुंबई, 20 अप्रैल (वार्ता) बॉलीवुड अभिनेता अजय देवगन की आने वाली फिल्म सिंघम अगेन का नया पोस्टर रिलीज हो गया है।

see more..
लाल अयोध्या का टाइटल लांच,भावुक हुये पहलाज निहलानी

लाल अयोध्या का टाइटल लांच,भावुक हुये पहलाज निहलानी

19 Apr 2024 | 9:46 PM

लखनऊ 19 अप्रैल (वार्ता) बॉलीवुड के दिग्गज निर्माता व सेंसर बोर्ड के पूर्व चेयरमैन पहलाज निहलानी शुक्रवार को फिल्म ‘लाल अयोध्या’ के टाइटल लॉन्च के मौके पर भावुक हो गये।

see more..
कंगना ने की पंचायत प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात

कंगना ने की पंचायत प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात

19 Apr 2024 | 7:16 PM

मंडी, 19 अप्रैल (वार्ता) हिमाचल प्रदेश के मंडी संसदीय सीट से भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी और फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत ने शुक्रवार को भांबला स्थित अपने निवास स्थान पर सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र के भाजपा समर्थित पंचायत प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात की।

see more..
image