राज्यPosted at: Jan 8 2020 10:07PM कैदियों को मिल सकेगी टेलीफोन सेवा, तीन माह में लगेंगे टेलीफोन
नैनीताल, 08 जनवरी (वार्ता) उत्तराखंड की जेलों में बंद सजायाफ्ता कैदियों को टेलीफोन की सुविधा जल्द मिल सकेगी। वे अपने परिवार से बात कर सकेंगे। प्रदेश के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) (जेल) की ओर से इस मामले की जानकारी उच्च न्यायालय को बुधवार को दी गयी। इसके बाद उच्च न्यायालय ने इस मामले में दायर जनहित याचिका को पूरी तरह से निस्तारित कर दिया।
दरअसल एक सजायाफ्ता कैदी विनोद बिष्ट की ओर से उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के नाम पर एक पत्र लिखकर कहा गया था कि प्रदेश में जेलों में दूरभाष सुविधा उपलब्ध नहीं होने से कैदियों को मुसीबत का सामना करना पड़ता है। वे अपने घरवालों से बात नहीं कर पाते हैं। मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथ ने इसे गंभीरता से लिया और स्वतः संज्ञान लेते हुए इस मामले में जनहित याचिका दाखिल कर दी।
मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रमेंश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की अदालत में हुई। उप महाधिवक्ता प्रदीप जोशी ने बताया कि अदालत ने इसके बाद सरकार एवं आईजी (जेल) से जवाब मांगा था। श्री जोशी ने बताया कि आईजी (जेल) की ओर से आज अदालत को बताया गया कि देहरादून एवं हरिद्वार की जेलों में ट्रायल के तौर पर सेवा शुरू कर दी गयी है।
श्री जोशी ने बताया कि पुलिस महानिरीक्षक जेल की ओर से अदालत को यह भी बताया गया कि आने वाले तीन माह में प्रदेश के सभी जेलों में यह सुविधा मुहैया करा दी जायेगी। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली अदालत ने याचिका को पूर्ण रूप से निस्तारित कर दिया। उन्होंने बताया कि आईजी जेल की ओर से अदालत को यह भी बताया गया कि इस सेवा को उपलब्ध कराने के लिये भारत संचार निगम लिमिटेड के साथ समझौता कर लिया गया है। इस सेवा पर जल्दी काम शुरू हो जायेगा। इसके लिये अधिकारियों का एक दल उन राज्यों का दौरा करके आया है जहां ये सुविधा उपलब्ध करायी गयी है।
रवीन्द्र, उप्रेती
वार्ता