राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Aug 13 2019 3:47PM प्रियंका ने की साेनभद्र की पीड़ितों से मुलाकात
साेनभद्र 13 अगस्त (वार्ता) कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार को पूर्वी उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के पीडित परिवारों से मुलाकात की वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस नेता के दौरे को महज राजनीति करार दिया है।
श्रीमती वाड्रा सुबह वाराणसी हवाई अड्डा पहुंची जहां से कार द्वारा वह सोनभद्र में घोरावल क्षेत्र के उम्भा गांव पहुंची जहां पिछली जून को जमीनी विवाद में दस आदिवासियों की हत्या कर दी गयी थी। कांग्रेस महासचिव ने उम्भा के प्राथमिक विद्यालय परिसर में पीड़ित परिजनो से मुलाकात कर उनकी कुशलक्षेम पूछी। वह उस स्थान को भी देखने गयी जहां नरसंहार की घटना को अंजाम दिया गया था। श्रीमती वाड्रा ने चटाई पर बैठकर पीड़ितों के परिजनो से आत्मीयता दिखाते हुये हालचाल लिया। बाद में उनका काफिला गांव से सोनभद्र के लिये रवाना हो गया।
श्रीमती वाड्रा के दौरे के मद्देनजर प्रदेश सरकार ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये थे। पिछली 17 जून को सोनभद्र के घोरावल में जमीनी विवाद के चलते हुयी फायरिंग में दस आदिवासियों की मृत्यु और करीब 22 के घायल होने के बाद कांग्रेस महासचिव ने पीडितों के परिजनों से मुलाकात की कोशिश की थी लेकिन जिला प्रशासन ने निषेधाज्ञा का वास्ता देते हुये उन्हे जिले की सीमा में प्रवेश करने से रोक दिया था। उन्हे मिर्जापुर के चुनार गेस्ट हाउस में 26 घंटों में रखा गया था हालांकि बाद में गेस्ट हाउस में ही उन्होने पीडितों के परिजनों से मुलाकात की थी और प्रत्येक मृतक के परिजनों को दस- दस लाख रूपये देने की घोषणा की थी।
उधर, भाजपा ने कांग्रेस नेता के इस दौरे को राजनीति से प्रेरित बताया है। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि सोनभद्र में हालात बिल्कुल सामान्य है। पीड़ितों को सरकार की तरफ से यथासंभव मदद मुहैया करायी जा चुकी है और उन्हे न्याय दिलाने के लिये सरकार ने विभिन्न घोषणायें की है। पीडितों के परिजन सरकार के रवैये से बिल्कुल संतुष्ट भी है और वे इसका इजहार भी कर चुके हैं। ऐसे में कांग्रेस महासचिव का सोनभद्र दौरा सिर्फ राजनीति करने का जरिया मात्र रह जाता है।
वहीं कांग्रेस का कहना है कि सोनभद्र में अब तक पीड़ित परिवारों को उनकी ज़मीन पर हक नहीं मिल सका है। श्रीमती वाड्रा एक बार फिर इन पीड़ित परिवारों से मिलकर सरकार के सामने इस मुद्दे को उठाएंगी।
प्रदीप
वार्ता