जयपुर, 10 अप्रैल (वार्ता ) राजस्थान कौशल विकास विश्वविद्यालय के कुलपति डा. ललित के पंवार ने देश में कृषि पर्यटन को बढ़ावा देने की आवश्यकता प्रतिपादित करते हुये कहा कि वर्तमान समय में किसान और किसानों से जुड़ी समस्याएं पहली वरियता केन्द्र में आ गई है।
डा. पंवार आज यहां इंडियन सोसायटी ऑफ एग्री बिजनस प्रोफेशनल्स और ओसीपी फाउण्डेशन मोरक्को द्वारा आयोजित दो दिवसीय कृषि संकल्प राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आस्ट्रेलिया में कृषि पर्यटन विशिष्ट पहचान रखता है वहीं केरल, पंजाब आदि में कृषि पर्यटन के प्रति रुझान बढ़ा है। उन्होंने कहा कि कृषि पर्यटन के माध्यम से खेती के साथ साथ ग्रामीण सभ्यता और संस्कृति से रुबरु कराने के साथ ही कैमल सपारी, रात्रि चौपाल, लोकगीतों आदि के माध्यम से पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है और इससे सांस्कृतिक आदान प्रदान के साथ ही किसानों को अतिरिक्त आय मिल सकेगी।
उन्होंने कहा है कि किसानों में खेती, पशुपालन एवं इससे जुड़े कार्यों में कौशल विकास का कार्य राजस्थान कौशला विकास विश्वविद्यालय से एमओयू करके आगे बढ़ाया जा सकता है। डा.पंवार ने मिशन फार्मर के प्रणेता डॉ. महेन्द्र मधुप द्वारा नवाचारी किसानों की उपलब्धियों एवं अनुभवों के दस्तावेजीकरण की सराहना करते हुए कहा कि किसानों के अन्वेषण का डॉक्यूमेंटेशन किया जाना समय की मांग है।
समारोह में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्व निदेशक यू ए एस धारवाड ने कहा कि सस्टेनेबल फार्मिंग के लिए खेती में विविधता लाया जाना जरुरी है। उन्होने कहा कि कर्नाटक में नवाचारी किसान एक हैक्टेयर से पांच पांच लाख की आय प्राप्त कर रहे है।
कार्यक्रम में ओसीपी फाउण्डेशन के सिटी नवाफेल ने बताया कि राजस्थान के तीन जिलों बारां, बूंदी और सवाई माधोपुर के पायलेट परियोजना का संचालन कर किसानों के आर्थिक और सामजिक विकास में भागीदारी निभाई जा रही है जिसमें किसानों को नई तकनीक से जोड़ा जा रहा है।