नयी दिल्ली, 08 जुलाई (वार्ता) उच्चतम न्यायालय ने ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती से संबंधित विवादित बयान को लेकर विभिन्न राज्यों में आपराधिक मामलों का सामना कर रहे टेलीविजन पत्रकार अमीश देवगन के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर रोक बुधवार को आगे बढ़ा दी।
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की खंडपीठ ने अमीश देवगन के वकील सिद्धार्थ लूथरा की दलीलें सुनने के बाद याचिकाकर्ता के खिलाफ जांच एवं दंडात्मक कार्रवाई पर रोक अगले आदेश तक लिए बढ़ा दी।
श्री लूथरा ने दलील दी कि जांच की स्थिति रिपोर्ट दाखिल कर दी गयी है।
खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वे उन शिकायतकर्ताओं को भी याचिका की प्रतियां दे दें, जिन्हें आज तक नहीं उपलब्ध करायी जा सकी है।
न्यायालय ने इसके बाद केंद्र सरकार और अन्य प्रतिवादियों को दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। याचिकाकर्ता प्रतिवादियों के जवाब पर रिज्वॉइंडर (जवाबी हलफनामा) दायर करेंगे।
गत 26 जून को हुई सुनवाई के दौरान न्यायालय ने याचिकाकर्ता के खिलाफ महाराष्ट्र, तेलंगाना, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश में दर्ज प्राथमिकी पर जांच और किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी थी। न्यायालय ने इस मामले में केंद्र सरकार एवं विभिन्न राज्य सरकारों को नोटिस जारी करके जवाब तलब भी किया था।
गौरतलब है कि टेलीविजन चैनल पर एक कार्यक्रम के दौरान पिछले दिनों श्री देवगन ने ‘चिश्ती’ को आक्रांता बताया था, जिसके बाद उनके खिलाफ विभिन्न राज्यों में कई प्राथमिकियां दर्ज की जा चुकी हैं।
सुरेश, यामिनी
वार्ता