IndiaPosted at: Apr 26 2017 5:44PM सतत विकास लक्ष्य में भारत में दस खरब डालर के बाजार की संभावना
नयी दिल्ली 26 अप्रैल (वार्ता) देश की एक तिहाई आबादी को गरीबी से बाहर निकालने के लिए सतत विकास लक्ष्य हासिल करने में दस खरब डालर के बाजार की संभावना को देखते हुए दुनिया के सबसे बडे कारपोरेट मंच ‘यूनाइटेड नेशन्स ग्लोबल कांपैक्ट’ ने अपने सलाना आयोजन के लिए इस बार भारत काे चुना है । दुनिया के 160 देशों की 8000 कंपनियों और 4000 गैर व्यापारिक समूहों के अंतरराष्ट्रीय मंच ‘यूनाइटेड नेशन्स ग्लोबल कांपैक्ट’ ने इस बाजार का दोहन करने के लिए आज से यहां दो दिवसीय अभियान की शुरूआत की । ‘भारत में वैश्विक लक्ष्य और स्थानीय व्यवसाय ’ शीर्षक से शुरू इस कार्यक्रम में देश -विदेश के सरकारी ,निजी क्षेत्र आैर सिविल सोसाइटी के 300 से ज्यादा प्रतिनिधि सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी )हासिल करने के लिए नवोन्मेष व्यवसाय के माडल विकसित करने पर विचार करेंगे । यूएनजीसी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी लिसे किंगो ने यहां आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में एक अध्ययन के हवाले से बताया कि सतत विकास लक्ष्य हासिल करने में भारत में एक खरब डालर के बाजार की संभावना है । खासकर कृषि एवं खाद्य, उूर्जा , विनिर्माण और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपार व्यवसाय की संभावना है । सुश्री किंगो का कहना था कि 2030 तक भारत में सात करोड 20 लाख रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे । उन्होंने कहा कि भारत की लगभग एक तिहाई आबादी गरीबी में जीवन बसर कर रही है । इसलिए यहां एसडीजी में प्रगति से दुनिया बेहतर होगी । जिम्मेदार व्यवसाय से न सिर्फ एसडीजी हासिल करने में मदद मिलेगी बल्कि नये बाजार भी खुलेगें । आक्सफैम इंडिया की सीईओ निशा अग्रवाल का कहना था कि निजी कंपनियों को अब यह समझ में आ गया है कि यदि दुनिया की बडी आबादी की क्रय शक्ति गरीबी के कारण कम होगी तो उनका माल कौन खरीदेगा । इसलिए वे किसी नैतिक जिम्मेदारी से नहीं बल्कि अपने फायदे को ध्यान में रखकर दुनिया की बेहतरी में योगदान करने काे तैयार हैं । यूएनजीसी के कार्यकारी निदेशक कमल सिंह ने बताया कि इंडिया बिजनेस फोरम ने भारत केंद्रित सतत विकास लक्ष्य के लिए एक कार्यबल तैयार किया है और इसके लिए नीति आयोग से मंजूरी ली गयी है । नीलिमा, अमित वार्ता