राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Jan 17 2020 9:39PM जनप्रतिनिधियो को प्रशिक्षण की जरूरत : बिरला
लखनऊ 17 जनवरी (वार्ता) विधानमंडलों में सदन की कार्यवाही में बढ़ते व्यवधान से चिंतित लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जनप्रतिनिधियों के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजनों पर बल दिया है।
राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र के सातवें सम्मेलन के समापन के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुये श्री बिरला ने शुक्रवार को कहा कि चुनी हुयी लोकतांत्रिक संस्थाओं के संवाद का स्तर कम हाेता जा रहा है। डिबेट सही तरीके से नहीं होती। इन लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत करने की जरूरत है। विधानमंडलों के अलावा ग्राम पंचायत,जिला पंचायत,नगर परिषद,नगर निगम समेत सभी चुनी गयी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के लिये समय समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किये जाने चाहिये।
इसके अलावा इन संस्थाओं के विकास के लिये संगोष्ठी और सम्मेलन आयोजित करने की आवश्यकता है। जनप्रतिनिधियों की क्षमता को बढ़ाने के लिये संसदीय लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड) अगले तीन साल तक समय समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर सकती है।
उन्होने कहा कि सम्मेलन में इस बात पर चर्चा हुयी कि पीठासीन अधिकारियों के असीमित अधिकारों को कैसे सीमित किया जा सके। इसके लिये पीठासीन अधिकारियों से अंतर संवाद करने के बाद कमेटी गठित की गयी जो चर्चा कर इसका समाधान निकालेगी कि किन किन नियम प्रक्रियाओं के जरिये पीठासीन अधिकारियों के अधिकार को सीमित किया जा सकता है।
श्री बिरला ने कहा कि पूरे वर्ष का कलेंडर तैयार करेंगे जिसके माध्यम से लगातार इन लोकतांत्रिक संस्थाओं जन प्रतिनिधियो का निर्माण किया जायेगा। भारत विश्व का सबसे बडा लोकतंत्र है और संसदीय परंपराये मजबूत है।
उन्होने कहा कि विधानमंडलों को कार्यपालिका की वित्तीय जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिये सजग प्रहरी की तरह काम करना चाहिये। इसके लिये जरूरी है कि जनप्रतिनिधियों को वित्तीय शब्दावली और बजटीय प्रक्रियाओं की बेहतर समझ हो।
प्रदीप
जारी वार्ता