लखनऊ,16 जनवरी (वार्ता) उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने जनता से ईंधन सरंक्षण के लिए परम्परागत ईंधन के स्थान पर अब सीएनजी एवं इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग को वरीयता देने की अपील की,जिससे पर्यावरण भी संरक्षित हो।
श्रीमती पटेल ने गुरुवार को यहां डा0 भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में इंडियन आयल द्वारा ईंधन संरक्षण एवं बचत के सम्बन्ध में आयोजित ‘संरक्षण क्षमता महोत्सव-2020’ का उद्घाटन करते हुए कहा कि देश की तेजी से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए पेट्रोलियम उत्पाद अत्यन्त आवश्यक है, लेकिन इसका अपव्यय अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है तथा इसका हमारे विदेशी मुद्रा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि ईंधन की खपत कम करने के लिए पूरे एक माह तक चलने वाले महोत्सव के माध्यम से आमजन को उनके द्वारा उपयोग किए जा रहे पेट्रोलियम उत्पादों के सही प्रयोग और ऊर्जा संरक्षण के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के विषय में जागरूक और प्रेरित किया जा सकता है।
राज्यपाल ने कहा कि देश में पेट्रोलियम पदार्थ की खपत का असर हमारी अर्थव्यवस्था पर सीधे बढता है। उन्होंने एथनाल ऊर्जा का ज्यादा प्रयोग करने पर बल देते हुए कहा कि एथनाॅल ऊर्जा का एक ऐसा स्रोत है, जो वैकल्पिक ऊर्जा है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने आयात की निर्भरता को कम करने, कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने और पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के लिए पेट्रोल में 5 प्रतिशत के अनुपात में एथनाॅल को मिश्रित करने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि एथनाॅल में पेट्रोल के मुकाबले प्रति लीटर यूनिट लगभग 34 प्रतिशत कम ऊर्जा होती है, परन्तु इथनाॅल में ऑकटेन रेटिंग अपेक्षाकृत अधिक होती है।
श्रीमती पटेल ने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों के प्रयोग से होने वाले प्रदूषण की स्थिति अत्यन्त सोचनीय है। प्रदूषण के संबंध में किये गये 27 शहरों के सर्वेक्षण में लखनऊ देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में से एक पाया गया। उन्होंने कहा कि इसलिये एथनाॅल के साथ ही साथ स्वच्छ ईंधन के अन्य विकल्प के रूप में सीएनजी के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने जनता से अपील की कि वे परम्परागत ईंधन के विकल्पों के स्थान पर अब सीएनजी एवं इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग को वरीयता दें, जिससे पर्यावरण संरक्षित हो।
त्यागी
जारी वार्ता